लखनऊ/कानपुर, 03 नवंबर: प्रधानी चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर निकलकर सामने आई है दरअसल यूपी पंचायत चुनाव 2026 जमानत राशि की सीमा तय हो गई है। इस बार यूपी पंचायत चुनाव 2026 जमानत राशि किस पद के लिए कितनी होंगी? यह जानने के लिए आर्टीकल पूरा पढ़े।
यूपी के गांवों में अगले साल सत्ता की कुर्सी पर नजरें टिक चुकी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2026 के लिए नामांकन शुल्क, जमानत राशि और खर्च की सीमा तय कर दी है, जो ग्रामीण नेतृत्व की दौड़ को और पारदर्शी बनाएगी।
यूपी पंचायत चुनाव 2026 जमानत राशि को लेकर जिला स्तर पर तैयारी तेज हो गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी और डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि ये नियम राज्य निर्वाचन आयोग के सख्त निर्देशों पर आधारित हैं। नामांकन पत्र सिर्फ निर्धारित दाम पर मिलेंगे और जमानत राशि रिटर्निंग अधिकारी के पास ही जमा होगी। इससे चुनाव प्रक्रिया में धांधली की गुंजाइश कम होगी। ग्रामीण इलाकों में ये बदलाव प्रत्याशियों के बीच चर्चा का विषय बन चुके हैं, खासकर उन लोगों के बीच जो पहली बार मैदान में उतरने की सोच रहे हैं।
ग्राम पंचायत स्तर पर नामांकन और जमानत के नए नियम
ग्राम पंचायत चुनाव की बुनियाद सबसे मजबूत होती है, और यहीं से शुरू हो रही है ये व्यवस्था। ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र की कीमत 200 रुपये तय की गई है। सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 800 रुपये की जमानत राशि जमा करनी पड़ेगी, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवारों के लिए ये आधी यानी 400 रुपये है। खर्च की ऊपरी सीमा सभी के लिए 10,000 रुपये ही रहेगी, जिसमें आरक्षित श्रेणी के लिए नामांकन शुल्क 100 रुपये का राहत पैकेज है।
ये सीमाएं पंचायत चुनाव में छोटे-मोटे खर्चों को काबू में रखने के लिए डिजाइन की गई लगती हैं। जमीनी स्तर पर बात करें तो कई गांवों में युवा उम्मीदवार इन नियमों से उत्साहित हैं, क्योंकि कम जमानत से प्रवेश आसान हो गया है। लेकिन व्यय सीमा सख्ती से पालन करनी होगी, वरना अयोग्य घोषित होने का खतरा है।
ग्राम प्रधान पद: जमानत और व्यय की पूरी डिटेल
ग्राम प्रधान की कुर्सी पर नजर रखने वालों के लिए खबर अच्छी है। सामान्य श्रेणी के प्रत्याशी को 3,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी, जो आरक्षित वर्ग के लिए आधी यानी 1,500 रुपये है। नामांकन पत्र कीमत 200 रुपये ही रहेगी। कुल खर्च की सीमा सामान्य के लिए 1,25,000 रुपये तय की गई है, जो गांव स्तर पर प्रचार और संगठन के लिए पर्याप्त मानी जा रही है।
पिछले चुनावों की तुलना में ये सीमा उम्मीदवारों को राहत देगी, लेकिन आयोग की निगरानी बढ़ेगी। जिला अधिकारियों का कहना है कि व्यय का हिसाब रखना अनिवार्य होगा, ताकि पैसे की ताकत से चुनाव न जीता जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में ये नियम स्थानीय मुद्दों पर फोकस बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
क्षेत्र पंचायत और जिला स्तर पर व्यय सीमा का खाका
ब्लॉक और जिला पंचायत चुनाव में दांव बड़ा है, इसलिए नियम भी सख्त। क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए कुल खर्च 1,00,000 रुपये तक सीमित रहेगा। जिला पंचायत सदस्य पद पर 2,50,000 रुपये की ऊपरी हद है। ब्लॉक प्रमुख (क्षेत्र पंचायत प्रमुख) के लिए ये सीमा 3,50,000 रुपये हो गई है, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सबसे ज्यादा 7,00,000 रुपये तक खर्च की इजाजत है।
जमानत राशि की बात करें तो क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए सामान्य वर्ग में 800 रुपये, आरक्षित में 400 रुपये। जिला पंचायत सदस्य के लिए दोगुनी यानी 1,600 और 800 रुपये। ब्लॉक प्रमुख पद पर 3,000 और 1,500 रुपये, तथा जिला अध्यक्ष के लिए 5,000 और 2,500 रुपये तय हैं। नामांकन शुल्क सभी स्तरों पर 200 रुपये ही रहेगा, जिसमें आरक्षित वर्ग को 100 रुपये की छूट मिलेगी।
ये व्यवस्था पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। जमीनी रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कई जिलों में प्रशिक्षण सत्र शुरू हो चुके हैं, जहां उम्मीदवारों को इन नियमों की बारीकियां सिखाई जा रही हैं।
पंचायत चुनाव 2026: उम्मीदवारों के लिए जरूरी टिप्स
उम्मीदवारों को ध्यान रखना होगा कि नामांकन पत्र आयोग के अधिकृत केंद्रों से ही लें, और जमानत चेक या ड्राफ्ट के रूप में जमा करें। व्यय का पूरा ब्योरा रखें, क्योंकि आयोग की टीम इसका ऑडिट करेगी। राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर गाइडलाइंस उपलब्ध हैं, जहां फॉर्म और नियम डाउनलोड किए जा सकते हैं।
अब सारी नजरें 2026 के पंचायत चुनाव पर हैं। ये नियम न सिर्फ चुनाव को निष्पक्ष बनाएंगे, बल्कि ग्रामीण विकास के लिए मजबूत नेतृत्व चुनने में मदद करेंगे। अधिक अपडेट्स के लिए स्थानीय निर्वाचन कार्यालय से संपर्क करें या आधिकारिक पोर्टल चेक करते रहें।

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