वाराणसी में मदरसा टीचर की हत्या का राज खुला, पत्नी ने रॉड और चाकू से मार डाला; टॉर्चर से तंग आकर लिया फैसला

वाराणसी। उत्तर प्रदेश, 05 अक्टूबर: शादी की खुशियां सालों के टॉर्चर में बदल गईं, जहां एक पत्नी सहन की हद पार कर मौत का फैसला ले बैठी। रात की चुप्पी में रॉड और चाकू ने घर को खून से लाल कर दिया, और सुबह होते ही परिवार की चीखें गूंज उठीं – यूपी के बनारस की यह कहानी जो समाज की चुप्पी पर सवाल उठाती है।

मदरसा टीचर की हत्या ने वाराणसी के बादशाहबाग सिगरा इलाके को हिलाकर रख दिया है। सरकारी फरोग-ए-उर्दू मदरसे में उर्दू टीचर दानिश रजा (40) की उनकी पत्नी रुबीना ने ही हत्या कर दी, जो 2 अक्टूबर की रात सोते समय लोहे की रॉड से सिर पर वार कर बेहोश करने के बाद चाकू से गला रेतकर की गई। पुलिस पूछताछ में रुबीना ने कबूल किया कि पति के लगातार टॉर्चर और अत्याचार से तंग आकर उसने यह कदम उठाया। दानिश के परिवार में माता-पिता, दो भाई और चार बहनें हैं, और वह सबसे छोटे थे। उनके दो बच्चे – 8 साल की बेटी और 5 साल का बेटा – अब सदमे में हैं, जो फिलहाल दानिश की बहन अंदलीब के पास हैं।

हत्या की दर्दनाक रात: रुबीना की आपबीती और योजना

3 अक्टूबर की सुबह दानिश का शव उनके कमरे की चारपाई पर मिला, जहां दीवारों और फर्श पर खून के छींटे बिखरे थे। रुबीना ने पुलिस को बताया कि उस रात उसने पहले ऊपरी मंजिल जाने वाली सीढ़ी का दरवाजा बंद कर दिया, ताकि आवाज सुनकर कोई न आए। बच्चों को दूसरे कमरे में सुलाकर उसने दानिश पर हमला किया – पहले रॉड से सिर फोड़ा, फिर चाकू से चेहरा और गला काटा। हत्या के बाद वह शव पकड़कर खूब रोई, फिर बच्चों के पास जाकर सो गई। सुबह घरवालों को बताया कि किसी ने मर्डर कर दिया।

रुबीना ने भावुक होकर पुलिस से कहा, “वह मुझे टॉर्चर करता था, गलत काम के लिए मजबूर करता था। शादी के 11 सालों में कभी सम्मान नहीं दिया, शराब पीकर पीटता था। उसके दोस्त भी उकसाते थे। उस रात कुछ गलत जरूर होता, इसलिए मैंने फैसला लिया।” स्थानीय लोगों ने बताया कि दानिश और रुबीना के बीच झगड़े आम थे, लेकिन कभी कोई हस्तक्षेप नहीं किया। एक पड़ोसी ने दर्द भरी आवाज में कहा, “हम सुनते थे चीखें, लेकिन घरेलू मामला समझकर चुप रहते थे। अब पछतावा हो रहा है, शायद कोई बोलता तो जान बच जाती।”

पुलिस जांच और संदेह: सीसीटीवी से कबूलनामा तक

सूचना पर सिगरा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, जहां रुबीना की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। आसपास के सीसीटीवी फुटेज में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं दिखा, जिससे शक गहराया। शुरुआत में संदिग्ध मौत का केस दर्ज किया गया, लेकिन दानिश की बहन अंदलीब जहरा की शिकायत पर रुबीना के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। अंदलीब ने आरोप लगाया कि रुबीना का व्यवहार अच्छा नहीं था, वह प्रॉपर्टी पर कब्जा चाहती थी और पराए पुरुष से अवैध संबंध थे। पूछताछ में रुबीना उलझ गई और पूरा घटनाक्रम बता दिया। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से और डिटेल्स सामने आएंगी।

दानिश के बड़े भाई, जो छत्तीसगढ़ में डॉक्टर हैं, ने फोन पर रोते हुए कहा, “मेरा छोटा भाई इतनी जल्दी चला जाएगा, सोचा नहीं था। रुबीना ने सब बर्बाद कर दिया, बच्चों का क्या होगा? हम परिवार के साथ थे, लेकिन रात में कुछ पता नहीं चला।”

परिवार का शोक और समाज का सबक: अत्याचार की चुप्पी

दानिश नीचे की मंजिल पर पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे, जबकि परिवार ऊपरी हिस्से में। रात में हत्या होने के बावजूद किसी को पता नहीं चला, जो घरेलू हिंसा की गंभीरता को दर्शाता है। रुबीना ने बताया कि मोहल्लेवालों को अत्याचार की जानकारी थी, लेकिन कोई नहीं बोला। दानिश की बहन अंदलीब ने आंसू पोछते हुए कहा, “भाई को इंसाफ मिलना चाहिए, रुबीना ने बच्चों की जिंदगी उजाड़ दी। हम उन्हें संभालेंगे, लेकिन मां-बाप का प्यार कहां से लाएं?” यह घटना वाराणसी में घरेलू हिंसा के मामलों पर रोशनी डालती है, जहां चुप्पी मौत का कारण बन जाती है। पुलिस ने रुबीना को हिरासत में ले लिया है, और आगे की कार्रवाई जारी है।

Leave a Comment