अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ताजा फैसला बाजारों पर भारी पड़ा। बेंचमार्क ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती के बावजूद दिसंबर में और राहत न मिलने की आशंका ने वैश्विक संकेतों को नकारात्मक कर दिया।
भारतीय शेयर बाजार में इस कमजोरी का असर साफ दिखा, जहां सेंसेक्स निफ्टी क्लोजिंग 30 अक्टूबर को बड़ी गिरावट के साथ संपन्न हुई। मुंबई के दलाल स्ट्रीट पर निवेशकों का मूड खराब रहा, और प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। यह गिरावट न सिर्फ घरेलू बाजार की चिंता बढ़ा रही है, बल्कि वैश्विक आर्थिक संकेतों से जुड़ी अनिश्चितता को भी उजागर कर रही है।
अमेरिकी फेड के फैसले ने क्यों हिलाया बाजार को?
बीते बुधवार को फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती का ऐलान किया, जो उम्मीदों के अनुरूप था। लेकिन चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों ने बाजार को चौंका दिया – दिसंबर में अतिरिक्त कटौती की गुंजाइश कम बताई गई। इससे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल आया, और एशियाई-यूरोपीय मार्केट्स में बिकवाली का सिलसिला चल पड़ा।
भारत में इसका सीधा असर गुरुवार के सत्र में दिखा। सुबह से ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली बढ़ गई, जबकि घरेलू निवेशक खरीदारी में सतर्क रहे। नतीजा यह हुआ कि ब्रॉडर मार्केट इंडेक्स पर दबाव बना रहा। एनएसई पर 2,000 से ज्यादा शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि बीएसई पर मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट भी नीचे आए।
सेंसेक्स निफ्टी क्लोजिंग 30 अक्टूबर: आंकड़ों पर नजर
सेंसेक्स निफ्टी क्लोजिंग 30 अक्टूबर को उम्मीदों से नीचे रही। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सेंसेक्स 592.67 अंकों यानी 0.69 फीसदी की कमजोरी के साथ 84,404.46 के स्तर पर सेटल हुआ। दिनभर में यह 84,950 के ऊंचे स्तर से लुढ़ककर बंद हुआ, जो निवेशकों के बीच हिचकिचाहट को दर्शाता है।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर निफ्टी 50 इंडेक्स 176.06 अंकों या 0.68 फीसदी की गिरावट के साथ 25,877.85 पर आ गया। निफ्टी बैंक इंडेक्स में 0.8 फीसदी की टूट आई, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 0.5 फीसदी की कमजोरी रही। कुल मिलाकर, बाजार का मूड नकारात्मक रहा, और वॉल्यूम में भी मामूली कमी देखी गई।
टॉप गेनर्स: कोल इंडिया ने दिखाई ताकत
गिरावट के बीच कुछ सेक्टर्स ने हल्की चमक दिखाई। निफ्टी 50 पैक में सबसे ज्यादा तेजी सरकारी उपक्रम कोल इंडिया के शेयरों में रही। कंपनी के स्टॉक में 1.5 फीसदी की मजबूती आई, जो कोयला उत्पादन के मजबूत आंकड़ों और डिमांड में सुधार से प्रेरित लग रही है।
इसके अलावा, इंजीनियरिंग दिग्गल लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के शेयर 0.5 फीसदी ऊपर बंद हुए, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की खबरें बूस्ट दे रही हैं। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) में 0.67 फीसदी का उछाल आया, जबकि हिंदाल्को इंडस्ट्रीज 0.60 फीसदी मजबूत रही। नेस्ले इंडिया के शेयरों में भी 0.55 फीसदी की बढ़त दर्ज हुई, जो कंज्यूमर गुड्स सेगमेंट की स्थिरता को रेखांकित करती है। ये गेनर्स बाजार की चुनौतियों के बीच निवेशकों को कुछ राहत देते नजर आए।
टॉप लूजर्स: फार्मा सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव
दूसरी ओर, फार्मा और टेलीकॉम सेक्टर में भारी बिकवाली हुई। डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज के शेयर 3.90 फीसदी धड़ाम से गिरे, जो अमेरिकी मार्केट रेगुलेटरी चिंताओं से जुड़ा हो सकता है। सिप्ला के स्टॉक में 2.60 फीसदी की कमी रही, जहां जेनेरिक दवाओं की कीमतों पर दबाव बताया जा रहा है।
एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस के शेयर 1.94 फीसदी नीचे आए, जबकि भारती एयरटेल 1.64 फीसदी लुढ़की। पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन में 1.31 फीसदी की कमजोरी देखी गई, जो एनर्जी सेक्टर की अस्थिरता को दिखाती है। ये लूजर्स निफ्टी के वेटेड एवरेज को नीचे खींचने में अहम रहे।
बाजार की यह तस्वीर निवेशकों को सतर्क रहने का संकेत दे रही है। आने वाले सत्रों में वैश्विक संकेतों पर नजर बनी रहेगी – क्या यह गिरावट का सिलसिला जारी रखेगा या रिकवरी के संकेत मिलेंगे? अपडेट्स के लिए बने रहें।
डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है बाजार में निवेश के पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य ले। इन्वेस्ट बडी शेयर बाजार में निवेश की सलाह नही देता है। उपरोक्त आर्टीकल एजुकेशन और इन्फॉर्मेशन के उद्देश्य के लिए है इसे किसी भी प्रकार से निवेश के रूप में न ले।
