प्रयागराज: एक टॉफी का लालच, एक मासूम की चीख और एक 15 साल के बच्चे का वो गंदा सच जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। ये कहानी है पड़ोस की निगाहों में छिपे एक ऐसे जुर्म की, जहां पोर्नोग्राफी का जहर एक नाबालिग की सोच पर इस कदर हावी हुआ कि उसने पांच साल की एक बच्ची का भविष्य तार-तार कर दिया।
टॉफी के लालच में फंसी एक मासूम
शनिवार की वो शाम मऊ आइमा थाना क्षेत्र के एक परिवार के लिए कभी न भूलने वाला सदमा बनकर आई। परिवार के लोग अपने खेत में धान काटने में व्यस्त थे। उनकी पांच साल की मासूम बच्ची घर के सामने अभी-अभी स्कूल से लौटी थी और खेल रही थी। यही वो मौका था, जब पास में रहने वाला 15 साल का नाबालिग उसके पास पहुंचा। एक टॉफी का लालच देकर उसने बच्ची को अपने साथ घर ले आया। पड़ोस में मौजूद एक युवती ने यह सब देखा, लेकिन पड़ोसी होने के नाते उसने इसे नजरअंदाज कर दिया। वो नहीं जानती थी कि यही नजरअंदाजी कुछ ही मिनटों में एक सनसनीखेज वारदात का सबब बनने वाली है।
छत की सीढ़ियों पर ठहर गया वक्त, शुरू हुई हैवानियत
आरोपी उस नाबालिग लड़के ने बच्ची को अपने घर की छत की सीढ़ियों पर ले जाकर उसके साथ गंदा काम किया। पूछताछ में उसने कबूला कि उसने मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखे थे और उसी का नतीजा था कि उसने यह हरकत की। बच्ची के चीखने पर वह डर गया और उसे वहीं छोड़कर फरार हो गया।
खून से लथपथ लौटी मासूम, पूरे परिवार पर टूटा सदमा
कुछ देर बाद जब वह मासूम बच्ची खून से लथपथ होकर अपने घर के दरवाजे पर गिरी, तो पूरे मोहल्ले में सन्नाटा छा गया। बच्ची के कपड़े फटे हुए थे, वह जोर-जोर से रो रही थी और कांप रही थी। वही युवती दौड़कर आई जिसने लड़के को बच्ची के साथ जाते देखा था। उसने ही परिवार को पूरी घटना से वाकिफ कराया। बच्ची की मां का दर्द उनके शब्दों में साफ झलक रहा था, “हम लोग धान काटने गए थे। हमारी भैय्या (बेटी) को ले गया और गंदा काम किया… वो कांप रही थी, उसका बुरा हाल था।”
पुलिस ने खेत से किया आरोपी को गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलते ही मऊ आइमा थाने की पुलिस ने तत्परता दिखाई। बच्ची के परिवार ने 112 पर कॉल करके मदद मांगी। पुलिस ने छापेमारी अभियान चलाया और आरोपी नाबालिग को एक खेत से गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी पंकज अवस्थी ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल किया है। उसने बयान में स्वीकार किया कि वह बच्ची के साथ हैवानियत कर रहा था। उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट और आईटी एक्ट की Relevant धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पोर्न और नाबालिग मानसिकता: एक सवाल जो मुंह बाए खड़ा है
ये वारदात सिर्फ एक अपराध की रिपोर्ट नहीं, बल्कि एक बड़े सामाजिक सवाल को भी जन्म देती है। कैसे एक 15 साल का किशोर इतनी बर्बर हरकत करने पर उतारू हो गया? पोर्नोग्राफी का ऐसा कौन सा जहर है जो नाबालिगों की मानसिकता को इस हद तक विकृत कर रहा है? भारत में पोर्नोग्राफी देखने को लेकर कानून की स्थिति स्पष्ट है – केरल हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि अकेले में पोर्न देखना अपराध नहीं है। लेकिन जब यही ‘निजी पसंद’ एक सामूहिक बर्बरता का कारण बने, तो कानून और समाज के सामने नए सवाल खड़े होते हैं।
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चाइल्ड पोर्न है गैर-कानूनी, सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं सख्त निर्देश
गौरतलब है कि भारत में आम पोर्नोग्राफी के निजी तौर पर देखने पर कोई सख्त पाबंदी नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, डाउनलोड करना या शेयर करना एक गंभीर अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट किया है कि ‘चाइल्ड पोर्नोग्राफी’ शब्द के बजाय ‘चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूसिव मटेरियल’ शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि यह बच्चों के खिलाफ यौन शोषण का एक रूप है। POCSO एक्ट और IT एक्ट के तहत ऐसे मामलों में कठोर सजा का प्रावधान है।
