गोरखपुर: दादी को ‘बंगालन’ कहने की सजा मौत, 19 साल की पोती ने गंडासे से काट दी गर्दन

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) 13 अक्टूबर। वर्षों से चली आ रही पारिवारिक कलह ने जब नफरत का रूप लिया, तो एक बुजुर्ग दादी की जान चली गई। घर की चारदीवारी के भीतर पल रहे द्वेष ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि 19 साल की एक युवती के हाथों में गंडासा आ गया और उसने अपनी ही दादी की गर्दन काट दी। यह घटना गोरखपुर के पीपीगंज थाना क्षेत्र के भुईधरपुर गांव की है, जहां 17 दिन तक चली पुलिस की जांच ने आखिरकार परिवार की ही दो महिलाओं को आरोपी ठहराया है।

पुलिस ने पर्दा उठाया, पोती और बहू को किया गिरफ्तार

पुलिस ने 60 वर्षीय कलावती यादव की हत्या का खुलासा करते हुए उनकी पोती खुशी यादव (19) और बहू उत्तरा देवी (45) को गिरफ्तार किया है . एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हत्या 25 सितंबर की दोपहर में अंजाम दी गई थी। करीब 17 दिनों तक चली जांच के बाद आखिरकार 12 अक्टूबर की रात दोनों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल किया। इस दादी की हत्या के पीछे सालों से चले आ रहे पारिवारिक ताने और भेदभाव को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

‘बंगालन’ का ताना बना जानलेवा, सुनने को मजबूर थी रोज

गिरफ्तार खुशी यादव ने पुलिस पूछताछ के दौरान बताया कि उसकी मां उत्तरा देवी बंगाल की रहने वाली हैं और उसकी पहली शादी से हुई हैं। करीब 16 साल पहले उत्तरा देवी जब अपने पहले पति को छोड़कर खुशी को लेकर गोरखपुर आईं, तो यहां उनकी दूसरी शादी कलावती के बड़े बेटे राजेश यादव से करा दी गई। इस शादी से कलावती कभी खुश नहीं थीं और इसी नाराजगी का शिकार होती आ रही थी खुशी।

खुशी ने पुलिस को बताया, “दादी ने कभी मुझे अपना नहीं समझा। मेरी 9वीं क्लास में ही पढ़ाई बंद करा दी। मैं बहुत गिड़गिड़ाई कि मुझे पढ़ना है, लेकिन वह मुझे घर से बाहर निकलने नहीं देती थीं। इसके उलट मेरे दोनों भाइयों (राजेश और उत्तरा देवी के दूसरे बेटे) के साथ ऐसा कोई रोक-टोक नहीं था। वह मुझे हमेशा ‘बंगालन’ कहकर ताना मारती थीं। बचपन से ही दादी का यह ताना सुनते आ रही थी, जिससे कई दिन का गुस्सा मेरे अंदर पनप रहा था।”

गुस्से में आकर किया वार, गर्दन अलग होने तक मारती रही

25 सितंबर की दोपहर जब घर में कोई नहीं था, तब कलावती ने एक बार फिर खुशी को ‘बंगालन’ कहकर ताना मारा। इस ताने ने खुशी के अंदर जमा वर्षों का गुस्सा भड़का दिया। पुलिस को दिए बयान के मुताबिक, खुशी ने बताया, “दादी जैसे ही खाट पर लेटीं, मैंने घर में रखे गंडासे से उनकी गर्दन पर वार कर दिया। जब तक गर्दन अलग नहीं हो गई, तब तक गंडासे से हमला करती रही।” खुशी ने गर्दन पर कुल चार वार किए थे।

मां ने की लाश छिपाने में मदद, साइकिल पर लादकर फेंकी खेत में

हत्या के बाद जैसे ही खुशी की मां उत्तरा देवी घर पहुंचीं और खून देखा, तो वह सारा मामला समझ गईं। पुलिस के मुताबिक, उत्तरा देवी ने बेटी का साथ दिया और दोनों ने मिलकर घर के अंदर खून के निशान साफ किए। खून से सने कपड़ों को पीछे खेत में ले जाकर जलाया गया। कलावती की लाश को एक बोरे में रखकर घर के एक कोने में छिपा दिया गया।

शाम को जब घर के दोनों भाई लौटे तो उन्हें बताया गया कि दादी दवा कराने पीपीगंज गई हैं और अभी तक लौटी नहीं हैं। रात में जब सभी सो गए, तो उत्तरा देवी और खुशी साइकिल पर लाश लादकर घर से निकलीं और करीब 500 मीटर दूर सड़क किनारे एक खेत में लाश फेंक दी। लाश के पास ही एक हंसिया भी रख दिया गया, ताकि सवाल उठें कि हत्या किसी चोर या लुटेरे ने की है।

पुलिस जांच में क्या आया सामने?

26 सितंबर की सुबह कलावती की सिर कटी लाश मिलने के बाद पीपीगंज पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। शव के पास नाक, कान और हाथ में सोने की ज्वैलरी सुरक्षित मिली, जिससे चोरी का आरोप कमजोर पड़ गया। एसपी उत्तरी ने बताया कि इस मामले में 7 पुलिस टीमें लगाई गईं और 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की गई, लेकिन किसी भी कैमरे में कलावती को गांव से बाहर जाते हुए नहीं देखा गया।

पुलिस का संदेह सबसे पहले तब गहराया जब खोजी कुत्ता ‘टोनी’ बार-बार कलावती के घर और आस-पास ही जा रहा था। इसके बाद घर पर मिली एक साइकिल और एक कमरे में मिले खून के निशानों ने जांच का रुख परिवार की तरफ मोड़ दिया। पुलिस ने बहू उत्तरा देवी और पोती खुशी को अलग-अलग पूछताछ के लिए बुलाया और कड़ाई से पूछताछ करने पर दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

सामाजिक रिपोर्ट: पारिवारिक भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न की कहानी

यह मामला सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं, बल्कि वर्षों से चले आ रहे पारिवारिक भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न की कहानी बयान करता है। खुशी का बयान इस बात का सबूत है कि लगातार दिए जा रहे ताने और शिक्षा के अधिकार से वंचित करना किस तरह एक युवा मानसिकता पर गहरा असर डाल सकता है। पुलिस द्वारा तांत्रिक हत्या के सुराग को खारिज करने के बाद अब यह मामला पूरी तरह से पारिवारिक रंजिश और नफरत के इर्द-गिर्द केंद्रित हो गया है।

गोरखपुर पुलिस ने इस हैवानियत भरी घटना के बाद आरोपियों पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पूरा गांव इस घटना से सन्न है और लोग एक तरफ जहां बुजुर्ग महिला की निर्मम हत्या पर सदमे में हैं, वहीं वर्षों से चले आ रहे पारिवारिक झगड़े के इस भयानक परिणाम पर चर्चा कर रहे हैं।

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