अमेरिकी बाजार में भारतीय दवाओं पर भारी पड़ा ट्रम्प का हमला: ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ से सन फार्मा-डॉ. रेड्डीज के शेयर 8% तले

Akanksha Yadav

26/09/2025

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय फार्मा कंपनियों पर बड़ा आर्थिक हमला बोलते हुए 1 अक्टूबर 2025 से सभी ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले का असर शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में दिखा, जहां फार्मा शेयरों में जबरदस्त जोर से गिरावट दर्ज की गई। सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, ल्यूपिन और जाइडस लाइफ जैसे दिग्गजों के शेयर 8% तक टूट गए, जबकि निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.5% से अधिक नीचे आ गया।

ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर दिए एक बयान में साफ किया कि यह टैरिफ उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा, जो अमेरिका में दवा बनाने का प्लांट लगा रही हैं। उन्होंने कहा, “‘निर्माण शुरू होना’ यानी जमीन पर काम शुरू होना या प्लांट का निर्माणाधीन होना। अगर निर्माण शुरू हो गया है तो उन पर यह टैक्स नहीं लगेगा”। यह कदम ट्रम्प की ‘अमेरिका फर्स्ट’ और घरेलू उत्पादन बढ़ाने की नीति का हिस्सा है।

📉 बाजार का हाल: फार्मा शेयरों में मची खलबली, निफ्टी भी लुढ़का

शुक्रवार, 26 सितंबर को शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली। सेंसेक्स 733 अंक गिरकर 80,426 पर और निफ्टी 236 अंक लुढ़ककर 24,655 के स्तर पर बंद हुआ। फार्मा सेक्टर में लौरस लैब्स, बायोकॉन और जायडस लाइफ के शेयरों में सबसे ज्यादा, लगभग 8% की गिरावट दर्ज की गई। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट ट्रम्प के टैरिफ ऐलान के कारण आई है, जिसने निवेशकों में दहशत फैला दी।

💊 किन कंपनियों पर है सबसे बड़ा खतरा?

भारत की फार्मा इंडस्ट्री दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी है और अमेरिका इसका सबसे बड़ा ग्राहक है। वित्त वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को 8.7 अरब डॉलर (लगभग 77 हजार करोड़ रुपये) की दवाएं निर्यात कीं, जो कुल दवा निर्यात का 31% है। ट्रम्प के इस फैसले से सबसे ज्यादा खतरा उन भारतीय कंपनियों को है, जो ब्रांडेड दवाएं अमेरिका भेजती हैं।

  • डॉ. रेड्डीज लैब्स: सबसे ज्यादा खतरे में, क्योंकि अमेरिका से होने वाली इसकी कमाई लगभग 1.5 अरब डॉलर है और यहां बने उत्पादों का हिस्सा कम है।
  • सन फार्मा: इसकी 2.1 से 2.3 अरब डॉलर की अमेरिकी आय पर जोखिम, क्योंकि इसकी 55-57% विशेष ब्रांडेड दवाएं अमेरिका के बाहर बनती हैं।
  • ल्यूपिन, जाइडस लाइफसाइंसेज, औरोबिंदो फार्मा: इनकी भी अमेरिका में क्रमशः 1.1 अरब डॉलर, 1.3 अरब डॉलर और 1.6 अरब डॉलर की आय प्रभावित हो सकती है।

क्यों लगाया गया है यह टैरिफ?

ट्रम्प का यह फैसला उनकी ‘मेक इन अमेरिका’ नीति को बढ़ावा देने की कोशिश है। वे चाहते हैं कि दवा कंपनियां अमेरिका में ही अपने उत्पादन कारखाने (मैन्युफैक्चरिंग प्लांट) लगाएं, जिससे देश में नौकरियां बढ़ें और सप्लाई चेन और मजबूत हो। कोविड-19 महामारी के दौरान वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आई रुकावटों ने अमेरिका को दवाओं के मामले में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत को रेखांकित किया था।

क्या भारत के पास है कोई बचाव का रास्ता?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की ताकत उसकी जेनेरिक दवाओं में है, जिनपर अभी यह टैरिफ लागू नहीं होगा। अमेरिका में बिकने वाली 90% से अधिक जेनेरिक दवाएं भारत से आती हैं और 2022 में इन दवाओं ने अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणाली को 219 अरब डॉलर की बचत कराई थी। ऐसे में, अगर भविष्य में जेनेरिक दवाओं पर भी टैरिफ लगाया जाता है, तो इसकी सबसे ज्यादा मार अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगी। साथ ही, भारत सरकार की PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) और SPI जैसी योजनाएं घरेलू उद्योग को मजबूत बनाने में मददगार साबित हो सकती हैं।

और किन उत्पादों पर लगे हैं टैरिफ?

ट्रम्प ने दवाओं के अलावा अन्य उत्पादों पर भी टैरिफ बढ़ाए हैं।

उत्पाद (Product)टैरिफ दर (Tariff Rate)लागू होगा (Will Apply)
किचन कैबिनेट, बाथरूम वैनिटी50%1 अक्टूबर 2025
असबाबदार फर्नीचर30%1 अक्टूबर 2025
भारी ट्रक25%1 अक्टूबर 2025

क्या होगा असर?

हालांकि यह टैरिफ सीधे तौर पर भारत की जेनेरिक दवाओं पर नहीं लगा है, लेकिन ब्रांडेड दवाओं का निर्यात करने वाली कंपनियों के राजस्व पर दबाव पड़ना तय है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में उत्पादन इकाई स्थापित करना भारतीय कंपनियों के लिए आसान नहीं है, क्योंकि इसकी लागत भारत के मुकाबले 50-60% अधिक है और इसमें 3-4 साल का समय लग सकता है। ऐसे में, अगर ट्रम्प भविष्य में जेनेरिक दवाओं को भी अपने निशाने पर लेते हैं, तो भारत के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है। फिलहाल, बाजार और निवेशकों की नजरें अमेरिकी प्रशासन की अगली चाल पर टिकी हैं।

नोट: यह खबर विभिन्न समाचार एजेंसियों और स्रोतों पर आधारित है। निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।

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