सोनम वांगचुक गिरफ्तारीः लद्दाख के ‘थ्री ईडियट्स’ हीरो की कहानी, जो जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा

Akanksha Yadav

27/09/2025

लेह/जोधपुर: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने लद्दाख की शांत वादियों में एक नया राजनीतिक भूचाल ला दिया है। शुक्रवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से ठीक पहले उनके गांव उल्याकटोपो से की गई इस कार्रवाई ने स्थानीय प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच की खाई और गहरी कर दी है। लेह में 24 सितंबर को हुई उस हिंसक झड़प के बाद यह गिरफ्तारी हुई है, जिसमें चार युवकों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे ।

गिरफ्तारी के बाद वांगचुक को एयरलिफ्ट कर राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल लाया गया, जिसे देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है । उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है, जो उन्हें लंबे समय तक बिना जमानत हिरासत में रखने की इजाजत देता है ।

कैसे हुई सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी? पल-पल का हाल

गुरुवार को ही सोनम वांगचुक ने संकेत दिया था कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। उन्होंने कहा था, “इस मुद्दे पर कभी भी गिरफ्तार होना पड़े तो मुझे खुशी होगी” । लेकिन शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह कार्रवाई इतनी जल्दी और इतनी अचानक होगी।

  • शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे: लद्दाख पुलिस की एक टीम, जिसका नेतृत्व डीजीएसडी सिंह जमवाल कर रहे थे, ने वांगचुक के गांव उल्याकटोपो पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया । यह वह समय था जब वांगचुक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वाले थे।
  • गोपनीय ऑपरेशन: गिरफ्तारी के बाद उन्हें तुरंत लद्दाख से बाहर ले जाया गया। पूरी प्रक्रिया अत्यंत गोपनीय रखी गई ।
  • जोधपुर की ओर सफर: सूत्रों के मुताबिक, वांगचुक को वायुसेना के एक विमान से चार राज्यों की सीमा पार कराकर जोधपुर लाया गया । जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर उतरने के बाद हथियारबंद कमांडो और पुलिस बल की निगरानी में उन्हें सेंट्रल जेल ले जाया गया ।

जेल में किन हालातों में है वांगचुक?

जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचने पर सोनम वांगचुक का मेडिकल चेकअप किया गया और उन्हें जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया है । इसी जेल में आसाराम बापू जैसे कैदी भी हैं, लेकिन वे अलग-अलग वार्डों में रखे गए हैं ।

  • 24 घंटे सीसीटीवी निगरानी: जेल प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। उन पर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है ।
  • पहले से रखे जा चुके हैं आतंकी: इस जेल का चयन इसलिए भी किया गया है क्योंकि इसे अत्यंत सुरक्षित माना जाता है। पहले भी पंजाब और अन्य देशों के आतंकवादियों को यहां रखा जा चुका है ।

आखिर क्यों हुई है सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी? पूरा मामला

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की जड़ें लद्दाख में चल रहे एक लंबे आंदोलन से जुड़ी हैं। वांगचुक लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के वरिष्ठ सदस्य हैं, जो पिछले पांच साल से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर रहा है ।

  • 24 सितंबर की हिंसा: इसी मांग को लेकर 24 सितंबर को लेह में एक बड़ा प्रदर्शन हुआ, जो हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और फायरिंग की । इस घटना में चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 70 से 90 लोग घायल हुए । इसी हिंसा के बाद से लेह में कर्फ्यू लगा हुआ है और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं ।
  • युवाओं को उकसाने का आरोप: सरकार का आरोप है कि सोनम वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल और भाषणों के जरिए युवाओं को हिंसा के लिए उकसाया । इसी के चलते उनके खिलाफ NSA जैसा सख्त कानून लगाया गया है।

हिरासत के बाद अब तक क्या-क्या हुआ? सरकार की कार्रवाई का गजब

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी सरकार की ओर से की गई एकमात्र कार्रवाई नहीं है। हाल के दिनों में उनसे जुड़े संगठनों पर भी सरकार की नजर है ।

  • एनजीओ पर शिकंजा: गृह मंत्रालय ने वांगचुक की संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का विदेशी फंडिंग लाइसेंस (FCRA) रद्द कर दिया है। आरोप है कि संस्था ने फंडिंग का गलत इस्तेमाल किया ।
  • सीबीआई जांच: CBI ने उनकी एक अन्य संस्था, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL), के खिलाफ विदेशी फंडिंग के मामले में जांच शुरू कर दी है ।
  • राजनीतिक भूचाल: वांगचुक की गिरफ्तारी पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता छुपाने का प्रयास बताया है, जबकि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहा है ।

कौन हैं सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक जाने-माने इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। NIT श्रीनगर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया। उनके काम से प्रेरित होकर ही बॉलीवुड फिल्म ‘थ्री ईडियट्स’ बनी थी । लद्दाख के लोगों के बीच वह एक विश्वसनीय चेहरा हैं, जो शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए जाने जाते हैं ।

आगे की राह – क्या होगा असर?

6 अक्टूबर को केंद्र सरकार और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बैठक पर अब सबकी नजरें टिकी हैं । माना जा रहा है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी से इस वार्ता पर भी असर पड़ सकता है । लेह में लगातार जारी कर्फ्यू और तनावपूर्ण माहौल ने स्थानीय जनजीवन को ठप कर दिया है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं और लोगों का घरों से निकलना मुश्किल है ।

एक तरफ सरकार है जो हिंसा को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बहाल करने की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ स्थानीय लोग हैं जो मानते हैं कि वांगचुक जैसे शांतिप्रिय नेता को हिरासत में लेना समस्या का हल नहीं है। अब यह देखना होगा कि जोधपुर जेल की सलाखों के पीछे बैठा यह ‘थ्री ईडियट्स’ हीरो लद्दाख की राजनीति की दिशा कैसे बदलता है।

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