कानपुर के सर्किट हाउस में गुरुवार को चली सुनवाई ने एक बार फिर घरेलू हिंसा की काली सच्चाई उजागर कर दी। एक 26 साल की विवाहिता ने आंसू भरी आंखों से अपना दर्द बयां किया—शादी के बाद पति ने कभी साथ निभाया ही नहीं, बल्कि जेब से मिली संदिग्ध चीजों पर सवाल करने पर पीट दिया।
राज्य महिला आयोग की सदस्य अनीता गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस सुनवाई में पति पर गे होने का आरोप सबसे चौंकाने वाला खुलासा था। सुबह 11 बजे शुरू होकर दोपहर दो बजे तक चली इस प्रक्रिया में कुल 21 शिकायतें दर्ज की गईं। ज्यादातर मामले सामान्य घरेलू विवादों से जुड़े थे, लेकिन यह केस अलग था—यह न सिर्फ यौनिकता की उलझनों से भरा था, बल्कि शारीरिक शोषण की इंतिहा भी दिखा रहा था। शिकायतकर्ता महिला कानपुर के मायके में रह रही है, जबकि उसका पति दिल्ली में पब्लिकेशन का बिजनेस संभालता है। उनका एक छोटा बेटा भी मां के साथ ही है।
सुनवाई का पूरा ब्योरा: 21 मामलों में एक का था अनोखा मोड़
अनीता गुप्ता ने बताया कि ज्यादातर शिकायतें दहेज उत्पीड़न और पारिवारिक झगड़ों से संबंधित थीं। लेकिन जब यह 26 वर्षीय महिला अपनी आपबीती सुनाने बारी आई, तो हॉल में सन्नाटा छा गया। अप्रैल 2021 में दिल्ली में हुई शादी के बाद से ही पति का रवैया ठंडा था। विवाहिता ने कहा, “शुरुआती दिनों में सब ठीक लगता था, लेकिन जल्द ही पता चला कि वह मुझसे दूरी बनाए रखते हैं।” काफी मनाने-समझाने के बाद एक बेटा तो हुआ, मगर उसके बाद फिर वही पुरानी दूरी। यह व्यवहार अब घरेलू हिंसा के रूप में सामने आया है, जहां भावनात्मक और शारीरिक दोनों स्तर पर पीड़िता को ठेस पहुंची।
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महिला आयोग की टीम ने मामले को गंभीरता से लिया। अनीता गुप्ता ने तुरंत महिला थाने की इंस्पेक्टर को फोन कर कार्रवाई के निर्देश दिए। पीड़िता ने रक्षाबंधन के मौके पर मायके आकर अब तक घर नहीं लौटा है, और पति की ओर से कोई पहल भी नहीं हुई।
पीड़िता की आपबीती: शादी के बाद टूटा विश्वास
विवाहिता ने अपनी दास्तां ऐसे बयां की मानो सालों का गुस्सा एक साथ फूट पड़ा हो। “शादी के बाद वह कभी मेरे करीब नहीं आए। मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन हर बार बहाना। बेटे के जन्म के बाद तो जैसे सब भूल गए।” लेकिन असली झटका तब लगा जब पति की जेब से बार-बार आपत्तिजनक सामान मिलने लगा। वह कहती हैं, “मैंने पूछा भी—अगर हमारा रिश्ता ठीक नहीं तो ये चीजें कहां से? जवाब में सिर्फ गुस्सा और थप्पड़।”
पति पर गे होने का आरोप: दोस्त के साथ संदिग्ध रिश्ता
सबसे सनसनीखेज खुलासा तब हुआ जब पीड़िता ने सीधे कहा, “मैडम, मेरा पति गे है। उसके एक करीबी दोस्त के साथ वैसा ही रिश्ता है जो पति-पत्नी का होता है।” यह आरोप सुनकर आयोग की सदस्य भी सतर्क हो गईं। विवाहिता ने आगे बताया कि पति का यह व्यवहार छिपा नहीं रह सका। विरोध जताने पर न सिर्फ पति, बल्कि उसके परिवार वाले भी हाथ उठा देते। यह यौनिक असंगति का मामला अब शारीरिक हिंसा में बदल चुका है, जहां पीड़िता अकेली पड़ गई।
जेब से निकलीं संदिग्ध वस्तुएं: 5 अगस्त का वो काला दिन
पीड़िता के मुताबिक, 5 अगस्त को जेब से कुछ ऐसी चीजें मिलीं जो उनके रिश्ते की सच्चाई बयां कर रही थीं। सवाल करने पर मारपीट इतनी बेरहम हुई कि वह तुरंत मायके भाग आई। रक्षाबंधन मनाने का बहाना बनाकर घर लौटीं, लेकिन उसके बाद पति ने दरवाजे बंद कर दिए। “वह मुझे घर नहीं बुला रहे, न ही बच्चे की जिम्मेदारी ले रहे,” उन्होंने दुखी स्वर में कहा। यह घटना घरेलू शोषण की एक मिसाल है, जहां निजी जिंदगी की गोपनीयता टूटकर हिंसा का सबब बनी।
महिला थाने की कार्रवाई: आयोग ने दिया सख्त निर्देश
सुनवाई के अंत में अनीता गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि यह मामला तुरंत दर्ज हो और जांच शुरू हो। महिला थाने को पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया। पति दिल्ली में होने के बावजूद, कानूनी प्रक्रिया दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय से चलेगी। आयोग ने पीड़िता को अस्थायी सहायता और काउंसलिंग का भरोसा भी दिलाया।
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यह केस न सिर्फ एक परिवार की कहानी है, बल्कि समाज में छिपे उन सवालों को भी उछालता है जो अक्सर अनसुने रह जाते हैं। पीड़िता की हिम्मत ने एक नई बहस छेड़ दी है—क्या वैवाहिक रिश्तों में ऐसी उलझनें सामान्य हैं? महिला आयोग की यह सुनवाई जारी रहेगी, और अगली तारीख पर और खुलासे हो सकते हैं। अगर आप भी ऐसी स्थिति से गुजर रही हैं, तो नजदीकी महिला हेल्पलाइन से संपर्क करें। (स्रोत: ग्राउंड रिपोर्ट, कानपुर)
