मोबाइल गेमिंग की लत: 13 साल के बच्चे की मोबाइल गेम खेलते-खेलते मौत, बहन ने समझा नींद में सो रहा है

लखनऊ में मोबाइल गेमिंग की लत ने ली 13 साल के बच्चे की जान, बहन ने अचेतन अवस्था में पड़े भाई को समझा सो रहा।

एक ट्रैजिक घटना ने लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में एक परिवार को तबाह कर दिया है। यहां मोबाइल गेमिंग की लत ने एक 13 साल के मासूम बच्चे की जान ले ली। जिस उम्र में किताबों और खेल के मैदान में दिलचस्पी होनी चाहिए थी, उस उम्र में मोबाइल स्क्रीन पर चल रहा वीडियो गेम उसकी मौत की वजह बन गया।

क्या हुआ था घटना के दिन?

यह घटना लखनऊ के परमेश्वर एन्क्लेव, शिवाजीपुरम की है। बीते दिनों 13 साल के विवेक कश्यप सुबह से ही अपने मोबाइल पर ‘फ्री फायर’ नामक गेम खेल रहे थे। वह उस दिन अपनी परचून की दुकान पर काम पर नहीं गया था। घर पर उसकी बहन अंजू मौजूद थीं। विवेक ने बहन से कहकर उन्हें घर के काम निपटाने के लिए भेज दिया।

बहन की साधारण सी भूल और एक सदमेदेह त्रासदी

जब बहन अंजू दोपहर करीब 12 बजे काम से फारिग होकर कमरे में लौटीं, तो उन्होंने विवेक को बिस्तर पर अचेतन पड़ा देखा। चूंकि विवेक अक्सर गेम खेलते-खेलते सो जाया करता था, इसलिए बहन को शक भी नहीं हुआ। उन्होंने सोचा कि भाई सो रहा है। उन्होंने चल रहे गेम को बंद करके मोबाइल फोन को चार्जिंग पर लगा दिया और विवेक को चादर ओढ़ा दी।

करीब दो घंटे बाद, जब विवेक उठा ही नहीं, तो बहन ने उसे खाना खाने के लिए जगाने की कोशिश की। उन्होंने उसे हिलाया-डुलाया, लेकिन उसके शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। यह देखते ही बहन की चीखें निकल गईं और पूरे घर में सन्नाटा छा गया।

परिवार की माली हालत और विवेक की गेमिंग आदत

मामला इंदिरा नगर थाना क्षेत्र का है। विवेक मूल रूप से सीतापुर का रहने वाला था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता का देहांत हो चुका था और मां प्रेम कुमारी तीनों बेटियों के साथ घरों में चूल्हा-चौका करके घर चलाती थीं। विवेक तकरोही में एक परचून की दुकान पर काम करके परिवार का सहारा बना हुआ था।

परिवार वालों का कहना है कि विवेक को मोबाइल गेमिंग की लत लग चुकी थी। वह दिन में काम से लौटने के बाद और रात में 10-11 बजे तक लगातार फ्री फायर गेम खेलता रहता था। गेम खेलने के दौरान वह किसी से बात करना पसंद नहीं करता था और अगर कोई टोक देता तो गुस्से में आकर चीजें फेंकने लगता था।

अब क्या है पुलिस की कार्रवाई?

घटना के बाद आस-पास के लोगों की मदद से विवेक को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इंदिरा नगर पुलिस ने मामले की जानकारी दी है। पुलिस का कहना है कि अभी मौत का सटीक कारण पता नहीं चल पाया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा और उसी के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एक चेतावनी के रूप में दर्ज होगी यह घटना

यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि उन लाखों माता-पिता और अभिभावकों के लिए एक सबक है, जिनके बच्चे घंटों मोबाइल स्क्रीन पर गेम खेलने में डूबे रहते हैं। यह मामला बच्चों में बढ़ती मोबाइल गेमिंग की लत और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों की गंभीर ओर एक बार फिर से इशारा करता है। पुलिस जांच जारी है और पूरा इंतजार है उस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का, जो इस अनहोनी की सही वजह बताएगी।

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