डूरंड लाइन पर गोलाबारी: अफगान सैनिकों की गोलाबारी से पाकिस्तानी चौकियां तहस-नहस, 12 जवान मारे गए

डूरंड लाइन एक बार फिर दुनिया की नज़रों में है। इस बार यहाँ की आग ने इतना विकराल रूप ले लिया है कि दोनों तरफ़ के टैंक और भारी हथियार मैदान में उतर आए हैं। शनिवार देर रात हुई भीषण गोलाबारी ने पूरे इलाक़े को युद्ध के मैदान में तब्दील कर दिया। अफगान सैनिकों ने डूरंड लाइन के पास तैनात कई पाकिस्तानी बॉर्डर पोस्ट्स पर जमकर फायरिंग की। इस हमले में 12 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने और दो सैन्य चौकियों पर तालिबान लड़ाकों के कब्जे का दावा किया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला? घटनाक्रम समझें

यह तनाव का दौर कोई नहीं बल्कि पिछले तीन दिन से चल रहा है। इसकी शुरुआत 9 अक्टूबर को तब हुई जब अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और पक्तिका प्रांत में हवाई हमले हुए । तालिबान का आरोप है कि यह हमले पाकिस्तान ने किए, हालांकि पाकिस्तान ने इसकी सीधी पुष्टि नहीं की। उसने सिर्फ़ तालिबान को चेतावनी दी कि वह पाकिस्तान के विद्रोही संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को अपनी जमीन पर पनाह न दे।

इसी घटना के जवाब में अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने पाकिस्तान को चेताया था- “हमें मत उकसाओ। एक बार ब्रिटेन और अमेरिका से पूछ लो, वे तुम्हें समझा देंगे कि अफगानिस्तान के साथ ऐसे खेल खेलना ठीक नहीं है।” इसके बाद शनिवार रात को अफगान सेना ने अपनी ‘जवाबी कार्रवाई’ शुरू कर दी।

चार फ्रंट पर एक साथ हमला

पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के एक अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान ने चार अलग-अलग जगहों से एक साथ हमले किए। इन हमलों का जवाब पाकिस्तानी सेना ने भारी गोलीबारी से दिया। लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी सेना ने 3 अफगान ड्रोन भी मार गिराए, जिनके बारे में आशंका है कि वे बम ले जा रहे थे।

डूरंड लाइन पर गोलाबारी: विवाद की जड़ में क्या है?

यह सीमा रेखा कोई नई नहीं बल्कि 1893 में अंग्रेजों द्वारा खींची गई 2,640 किलोमीटर लंबी वह रेखा है जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान को अलग करती है। इस रेखा के विवाद का मुख्य कारण यह है कि अफगानिस्तान किसी भी कीमत पर इसे अपनी आधिकारिक सीमा के रूप में स्वीकार नहीं करता। वहीं पाकिस्तान इसे अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है।

यह रेखा पश्तून जनजातीय इलाके से होकर दक्षिण में बलूचिस्तान के बीच से निकलती है। इसने पारंपरिक पश्तून आदिवासी क्षेत्रों को विभाजित कर दिया, जिससे गाँवों, घरों और परिवारों की ज़मीन दो क्षेत्रों के बीच बंट गई। इसी ऐतिहासिक विवाद के चलते दोनों देशों के बीच अक्सर तनाव की स्थिति बनी रहती है।

दोनों देशों की प्रतिक्रिया: ‘ईंट का जवाब पत्थर से’

अफगानिस्तान की चेतावनी

अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनका ऑपरेशन आधी रात को खत्म हो गया। साथ ही उन्होंने साफ़ कर दिया कि “अगर पाकिस्तान ने फिर से अफगानिस्तान सीमा का उल्लंघन किया, तो हमारी सेना देश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।”

पाकिस्तान का मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान

पाकिस्तानी गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, “अफगानिस्तान को भी भारत की तरह मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, ताकि वह पाकिस्तान की ओर बुरी नजर से देखने की हिम्मत न कर सके।” गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने साफ़ शब्दों में कहा, “हालिया हमलों के बाद पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा, ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस बढ़ते तनाव पर सऊदी अरब ने चिंता जताई है। सऊदी सरकार ने दोनों देशों से शांति और बातचीत के ज़रिए मामला सुलझाने की अपील की है और तनाव बढ़ाने से बचने को कहा है।

पलटते पन्ने: डूरंड लाइन का इतिहास

डूरंड रेखा की स्थापना 12 नवंबर, 1893 को ब्रिटिश सरकार के सर हेनरी मोर्टिमर डूरंड और अफगान सम्राट अमीर अब्दुर रहमान के बीच हुए समझौते के बाद हुई। यह रूसी और ब्रिटिश साम्राज्यों के बीच 19वीं सदी के महान खेल का एक अवशेष है, जिसमें अंग्रेजों ने रूसी विस्तारवाद की आशंका के खिलाफ एक बफर के रूप में अफगानिस्तान का इस्तेमाल किया।

1947 में स्वतंत्रता के साथ पाकिस्तान को यह रेखा विरासत में मिली, लेकिन अफगानिस्तान ने इसे मान्यता देने से इनकार कर दिया। अफगानिस्तान ने तो संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रवेश के खिलाफ भी मतदान किया था।

बढ़ती लड़ाई, बढ़ता तनाव

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड लाइन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों देश एक-दूसरे पर हमले और आतंकियों को छिपाने का आरोप लगाते रहते हैं। 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कंट्रोल के बाद से यह तनाव और बढ़ गया है।

दिसंबर 2024 में भी पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक के बाद अफगान तालिबान लड़ाके डूरंड लाइन क्रॉस कर पाकिस्तान में दाखिल हो गए थे और वहां की चौकियों पर कब्जा कर लिया था। इस तरह की घटनाएं अब मासिक होती जा रही हैं।

डूरंड लाइन पर गोलाबारी जारी, दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर

डूरंड लाइन पर गोलाबारी का यह नया दौर दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत दे रहा है। एक तरफ जहां अफगानिस्तान ने अपनी सीमा में दखल की चेतावनी दी है, वहीं पाकिस्तान ने मुंहतोड़ जवाब का ऐलान किया है। अब पूरी दुनिया की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या दोनों देश इस तनाव को और बढ़ने देंगे या फिर कूटनीति के रास्ते पर चलते हुए हालात को शांत करने की कोशिश करेंगे। आने वाले घंटे इस मामले में निर्णायक साबित हो सकते हैं।

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