यूपी के देवरिया मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में शव मिलने की घटना में एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि यह आत्महत्या नही बल्कि हत्या है। इतना ही नही इस घटना ने देवरिया मेडिकल कॉलेज की पोल खोलकर रख दी। इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज की साख पर एक बड़ा धब्बा लग गया है।
देवरिया, (उत्तर प्रदेश), 12 अक्टूबर: देवरिया के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में मरीजों ने पानी से आ रही दुर्गंध की शिकायत की थी। इस शिकायत ने एक ऐसा भयानक राज खोल दिया, जिसने पूरे मेडिकल तंत्र की जमकर पोल खोल दी। ओपीडी की पांचवीं मंजिल पर मौजूद उस विशाल पानी की टंकी में जब सफाई कर्मी पहुंचे, तो उनकी सांसे थम गईं। टंकी के अंदर एक इंसान का सड़ा-गला शव तैर रहा था। यह घटना 6 अक्टूबर की है, जिसने पूरे जिले में सनसनी फैला दी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने बढ़ाई पुलिस की मुश्किल
शव का पोस्टमॉर्टम मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के एक पैनल ने किया। रिपोर्ट ने इस मामले को साधारण मौत से हटकर एक रहस्यमयी और संभावित हत्या के केस में बदल दिया।
समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह त्यागी का कहना है कि, मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में मिलें शव ने स्वास्थ्य विभाग की कलई खोल कर रख दी। जिस पानी की टंकी में शव था उससे निकलने वाला पानी मरीजों को पिलाया जा रहा था। इस घटना ने यह बता दिया कि मेडिकल कॉलेज में “मरीज क्या खाते है, क्या पीते है” इसकी जांच नही होती।
- मौत का कारण: रिपोर्ट के मुताबिक, अशोक गवांडे की मौत दम घुटने से हुई।
- सबसे बड़ा सबूत: पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि मृतक के फेफड़ों में पानी नहीं था। इससे साफ जाहिर होता है कि उसकी मौत टंकी में गिरने से नहीं, बल्कि उससे पहले ही हो चुकी थी और बाद में शव को जानबूझकर टंकी में फेंका गया।
- हत्या का शक: शव पर मिले चोट के निशान इस आशंका को और पुख्ता कर रहे हैं कि यह मामला हत्या का हो सकता है। पुलिस ने मृतक का विसरा (आंतरिक अंग) सुरक्षित कर आगे की जांच के लिए भेज दिया है।
कौन था टंकी में मिला शव? पहचान से जुड़े मिले ये सुराग
करीब एक सप्ताह तक अज्ञात रहने के बाद आखिरकार शव की पहचान हो सकी। मृतक की पत्नी अनीता गवांडे महाराष्ट्र से देवरिया पहुंचीं और शव की पहचान 61 वर्षीय अशोक गवांडे के रूप में की।
- महाराष्ट्र से थे मूल निवासी: अशोक गवांडे मुंबई के ठाणे जिले के कुलगांव के रहने वाले थे।
- पूर्व केमिकल इंजीनियर: परिवार वालों के मुताबिक, अशोक पहले एक केमिकल इंजीनियर थे और उन्होंने अपनी फैक्ट्री भी लगाई थी, लेकिन व्यवसाय में नुकसान के बाद से वे मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। पिछले चार साल से वह परिवार से अलग रह रहे थे।
- गोरखपुर से देवरिया तक का सफर: जांच में खुलासा हुआ कि घटना से कुछ दिन पहले 22 सितंबर को अशोक गोरखपुर में अपने ससुराल वालों से मिले थे और मुंबई जाने की बात कहकर निकले थे। इसके बाद 25 सितंबर को वह देवरिया में देखे गए और एक स्थानीय युवक ने उन्हें सड़क किनारे बीमार पड़े देखकर 108 एंबुलेंस से उसी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में भर्ती कराया था। उनके एक पैर में गहरा घाव था।
मेडिकल कॉलेज की लापरवाही पर उठे सवाल, प्रिंसिपल हटाए जाने तक की कार्रवाई
यह घटना मेडिकल कॉलेज प्रशासन की गंभीर लापरवाही का आईना बनकर सामने आई है।
- भर्ती मरीज की अनदेखी: अशोक गवांडे 27 सितंबर को अस्पताल के सर्जिकल वार्ड से गायब हो गए थे। एक भर्ती मरीज के गायब होने की सूचना न तो प्रशासन ने पुलिस को दी और न ही कोई तलाशी अभियान चलाया।
- सुरक्षा व्यवस्था धरी की धरी: पांचवीं मंजिल तक पहुंचने का रास्ता आम लोगों के लिए आसान नहीं है और टंकी का भारी ढक्कन एक व्यक्ति के लिए खोल पाना मुश्किल है। इससे साफ जाहिर है कि कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से फेल रही।
- प्रिंसिपल का निलंबन: लापरवाही को गंभीर मानते हुए योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश बरनवाल को हटा दिया और उन्हें लखनऊ मुख्यालय भेज दिया।
- डीएम को जांच सौंपी: पूरे मामले की जांच अब देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल को सौंपी गई है।

“ऊपर इमेज में देखा जा सकता है कि मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में जहां शव मिला था वहां पहुंचने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। तश्वीर में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिसकर्मी बांस की सीढ़ी से टंकी तक जाने का प्रयास कर रहे है जिसमे एक पुलिस कर्मी सीढ़ी को पकड़ा हुआ है जबकि एक पुलिसकर्मी चढ़ रहा है। इससे एक बात तो साफ हो गई कि कोई भी आम आदमी अकेले पानी की टंकी तक नही जा सकता है और न ही अकेले पानी की टंकी का ढक्कन खोल सकता है। फिर मृतक मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में कैसे घुसा? यह अभी भी पहली बना हुआ है।”
पुलिस की जांच किन मोर्चों पर जारी है?
देवरिया पुलिस का दावा है कि वह इस मामले में हर कोण से जांच कर रही है।
- सीसीटीवी फुटेज का अध्ययन: पुलिस मेडिकल कॉलेज परिसर और आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों का फुटेज जमा कर रही है, ताकि अशोक के आखिरी पलों की गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
- कर्मचारियों से पूछताछ: पुलिस ने कॉलेज के सुरक्षा गार्ड्स, कर्मचारियों और नर्सिंग स्टाफ से पूछताछ शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या मृतक की किसी कर्मचारी से कोई जान-पहचान थी।
- फॉरेंसिक सबूतों की जांच: घटनास्थल से बरामद बेडशीट और कपड़ों के साथ-साथ फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है, जो मौत के सही कारणों और समय पर और रोशनी डाल सकती है।
अब तक क्या पता है और क्या है रहस्य?
देवरिया मेडिकल कॉलेज की पानी की टंकी में शव मिलने का यह मामला अब भी कई सवालों के जवाब ढूंढ रहा है। पुलिस और प्रशासन के सामने यह पहेली बनी हुई है कि आखिर मुंबई जाने का बता कर गोरखपुर से निकले अशोक गवांडे देवरिया कैसे पहुंचे? अस्पताल से गायब होने के बाद उनके साथ क्या हुआ? क्या वह किसी से मिलने छत पर गए थे या उन्हें जबरदस्ती ले जाया गया? इन सभी सवालों के जवाब पुलिस की जांच के नतीजे ही बता पाएंगे। पूरा देवरिया इस रहस्यमयी मौत का सच जानने को बेताब है।
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