देवरिया चाकूबाजी: जेल पहुंचे आरोपी की पत्नी का काउंटर अटैक, पचलड़ी चौराहे पर नई FIR से उलट गया पूरा मामला!

देवरिया के एकौना थाना क्षेत्र में छठ महोत्सव की रौनक के बीच फूट पड़ी खून-खराबे की घटना ने अब जातिगत रंजिश का रंग ले लिया है। जेल की सलाखों के पीछे सुभाष प्रसाद की पत्नी ने मोर्चा संभाला और उलटे 12 लोगों पर केस ठोक दिया।

पचलड़ी चौराहे पर हुई इस घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया है। 26 अक्टूबर को सुबह के वक्त, जब छठ व्रत का सामान खरीदने की भीड़ उमड़ रही थी, तभी पुरानी दुश्मनी दो पक्ष आमने-सामने हो गए। पहले पक्ष ने लूटपाट और चाकूबाजी का आरोप लगाया, लेकिन अब दूसरी तहरीर से साफ हो रहा है कि असल में कौन किस पर हावी होने की कोशिश कर रहा था।

घटना क्या है?: पचलड़ी चौराहे पर कैसे भड़का विवाद

एकौना थाने के विशुनपुर बगही गांव के दो गुटों के बीच की यह रस्साकशी कोई नई बात नहीं। छंगूरी देवी ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पति सुभाष प्रसाद और बेटा मोनू छठ पूजा की खरीदारी के लिए बाजार पहुंचे थे। तभी राजकुमार सिंह और उसके साथियों ने उन्हें घेर लिया। पहले जातिसूचक अपशब्दों की बौछार हुई, फिर लात-घूंसे बरसे। मोनू तो सड़क पर धड़ाम से गिर पड़ा। छंगूरी ने कहा, “हम अनुसूचित जाति से हैं, और यह रंजिश सालों पुरानी है। वे हमें दबाने की फिराक में रहते हैं।”

दोनों तरफ चोटें गंभीर हैं। राजकुमार सिंह को चाकू का घाव लगा, जो अभी गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। वहीं, मोनू की उंगली धारदार हथियार से कट गई। लेकिन शुरुआती FIR में सुभाष और उसके साथियों पर ही लूट का इल्जाम लगा था, जिसमें सोने की चेन और 8 हजार रुपये छीनने का जिक्र था। अब छंगूरी की तहरीर ने इस कहानी को पलट दिया है।

काउंटर FIR में लगे गंभीर आरोप: जातिगत हिंसा से जोड़ा SC/ST एक्ट

छंगूरी देवी ने 9 नामजद—राजकुमार सिंह, मानस सिंह, आकाश गुप्ता, पवन गुप्ता, आकाश पांडेय, गोविंद गुप्ता, मुकेश, प्रिंस सिंह और भीम उर्फ रघुराज प्रताप सिंह—सहित तीन अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 191(2), 115(2), 352, 351(3) के साथ ही SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(va) जोड़ी गई। यह धारा जाति आधारित अपमान और हिंसा को सीधे निशाने पर लेती है।

पुलिस ने तहरीर मिलते ही केस दर्ज कर लिया। थानाध्यक्ष अजय कुमार पांडेय ने ग्राउंड पर उतरकर बयान दर्ज किए। “दोनों पक्षों की बात सुनी जा रही है। सबूत जुटा रहे हैं, ताकि सच्चाई सामने आए,” उन्होंने बताया। गांव में तनाव है, लेकिन फिलहाल शांति बनी हुई है।

देवरिया पुलिस की जांच: कौन साबित होगा निर्दोष?

इस मामले में अब फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट्स का इंतजार है। चाकूबाजी के सबूत, गवाहों के बयान और CCTV फुटेज से साफ होगा कि पचलड़ी चौराहे पर वाकई क्या गुजरा। दोनों पक्ष एक ही गांव के हैं, इसलिए सामाजिक ताने-बाने पर भी असर पड़ रहा। स्थानीय लोग फुसफुसा रहे हैं कि यह पुरानी रंजिश औऱ एक-दूसरे की शान का नतीजा है।

देवरिया जिले में ऐसी घटनाएं अक्सर जातिगत तनाव से जुड़ जाती हैं, लेकिन यहां काउंटर FIR ने जांच को जटिल बना दिया। अपडेट्स के लिए बने रहें—क्या होगा अगला मोड़, जल्द ही पता चलेगा।

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