सारण (बिहार), 18 अक्तूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज हैं, लेकिन सारण जिले की मढ़ौरा सीट पर एक ऐसा ट्विस्ट आया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। भोजपुरी फिल्मों की चमकती सितारा सीमा सिंह, जो चिराग पासवान की पार्टी से टिकट लेकर मैदान में उतरी थीं, उनका नामांकन ही रद्द हो गया और NDA को बिना लड़े ही झटका लग गया।
बिहार से ग्राउंड रिपोर्ट करते हुए पता चला कि सीमा सिंह नामांकन रद्द होने की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। चुनाव आयोग की जांच में उनके पर्चे में तकनीकी खामियां पाई गईं, जैसे जरूरी दस्तावेजों की कमी और फॉर्म में कुछ गड़बड़ियां। सारण जिले के निर्वाची पदाधिकारी ने शुक्रवार को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के दौरान यह फैसला लिया, जिससे LJP (रामविलास) की उम्मीदें धराशायी हो गईं।
सीमा सिंह नामांकन रद्द: क्या थी वजह?
मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 13 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था, लेकिन जांच के बाद चार के नामांकन अमान्य करार दिए गए। इनमें सीमा सिंह के अलावा बसपा के आदित्य कुमार, निर्दलीय अल्ताफ आलम राजू और विशाल कुमार शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीमा सिंह के मामले में मुख्य समस्या उनके हलफनामे और दस्तावेजों में असंगतियां थीं। चुनाव आयोग के नियम सख्त हैं, और छोटी-सी चूक भी बड़ा नुकसान करा सकती है, जैसा यहां हुआ।
मढ़ौरा सीट पर अब कैसी स्थिति?
अब मढ़ौरा में मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। NDA के बिना किसी प्रत्याशी के मैदान में उतरने से यहां सीधा टकराव RJD के जितेंद्र कुमार राय और जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार के बीच होने की संभावना है। राजद यहां पहले से मजबूत पकड़ रखती है, और राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस उलटफेर से उनका पलड़ा और भारी हो सकता है।
11 कुल 9 उम्मीदवार अब बचे हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई इन्हीं दो दलों के बीच सिमटती नजर आ रही है। सारण जिले की इस सीट पर वोटरों की नजरें अब नए समीकरणों पर टिकी हैं, जहां स्थानीय मुद्दे जैसे रोजगार और विकास अहम भूमिका निभा सकते हैं।
भोजपुरी एक्ट्रेस सीमा सिंह का राजनीतिक डेब्यू
सीमा सिंह भोजपुरी सिनेमा की जानी-मानी हस्ती हैं, जिन्हें ‘आइटम क्वीन’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने दर्जनों फिल्मों में काम किया है और उनके डांस नंबर्स दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जॉइन की थी, और मढ़ौरा से टिकट मिलना उनके लिए राजनीति में बड़ा कदम था।
उनके हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 9वीं तक पढ़ाई की है, और उनकी संपत्ति व अन्य डिटेल्स ने नामांकन के समय काफी सुर्खियां बटोरी थीं। लेकिन यह सफर शुरू होने से पहले ही रुक गया, जो NDA के लिए एक बड़ा सेटबैक साबित हो रहा है।
बिहार चुनाव का व्यापक परिदृश्य
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA और INDIA गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है। NDA में BJP और JDU 101-101 सीटों पर लड़ रही हैं, जबकि LJP को 29 सीटें मिली हैं। 16 मढ़ौरा जैसी घटनाएं गठबंधन की रणनीति पर असर डाल सकती हैं। वोटिंग 6 और 11 नवंबर को होनी है, और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। इस बीच, नामांकन की अंतिम तारीख गुजर चुकी है, इसलिए NDA अब इस सीट पर नया उम्मीदवार नहीं उतार सकती।
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यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में अप्रत्याशित मोड़ों की याद दिलाता है। चुनावी समर में आगे क्या होगा, इस पर नजर रखें और अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।
