देवरिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय शुक्रवार को देवरिया जिले के रुद्रपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे। वह मनियापुर गांव में बीएलओ ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुई शिक्षामित्र रंजू दुबे के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और रुद्रपुर के पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए शिक्षामित्र की मौत को क्षमता से अधिक काम का दबाव बताया है।
आज दोपहर 1 बजे पहुंचेंगे अजय राय
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय शुक्रवार की दोपहर करीब 1 बजे मनियापुर गांव स्थित मृतका के आवास पर पहुंचेंगे। उनका यह दौरा मृत शिक्षामित्र के परिवार के प्रति संवेदना और एकजुटता जताने के उद्देश्य से है।
“बीएलओ रंजू दुबे पर अत्यधिक दबाव था मौत का कारण”
अखिलेश प्रताप सिंह ने रंजू दुबे के निधन पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि क्षमता से अधिक काम और एसआईआर (SIR) फॉर्म भरने के दबाव के कारण उनकी मौत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया, “चुनाव आयोग कई महीनों का कार्य एक ही महीने में पूरा कराने का दबाव बना रहा है, जिसके चलते बीएलओ (BLO) लगातार मानसिक और शारीरिक तनाव झेल रहे हैं।”
सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग

कांग्रेस ने इस घटना पर तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए मृतका के परिजनों के लिए दो प्रमुख मांगें रखी हैं:
- रंजू दुबे के परिवार को एक करोड़ रुपये का आर्थिक मुआवजा दिया जाए।
- मृतका रंजू दुबे के एक आश्रित को तुरंत सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
बीएलओ ड्यूटी के दौरान हुई थी मौत
गौरतलब है कि मनियापुर गांव निवासी शिक्षामित्र रंजू देवी (40) का मंगलवार रात बीएलओ ड्यूटी के दौरान निधन हो गया था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें लखनऊ ले जाते समय रास्ते में ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। प्रारंभिक रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है।
नेताओं का रुख और पार्टी की मांग
- अजय राय का रिकॉर्ड: अजय राय का यह दौरा उनकी सक्रिय राजनीतिक स्टाइल को दर्शाता है। पिछले महीनों में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के विरोध और बीएलओ मुद्दे सहित विभिन्न जनसंवाद कार्यक्रमों में सक्रिय रहे हैं।
- अखिलेश प्रताप सिंह की भूमिका: इस मामले में जानकारी देने वाले अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और रुद्रपुर क्षेत्र के पूर्व विधायक हैं । उनकी पृष्ठभूमि इस स्थानीय मुद्दे को उठाने के लिए उन्हें एक प्रासंगिक व्यक्ति बनाती है।
इस घटना ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया में शामिक कर्मचारियों पर पड़ रहे अत्यधिक कार्यभार के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है। कांग्रेस नेता के दौरे के बाद इस मामले में और राजनीतिक प्रतिक्रिया आने की संभावना है।
