भारत पर बढ़ा टैरिफ का दबाव: अमेरिका ने कहा- ‘रूस से तेल खरीदना बंद करो, तभी होगी ट्रेड डील’

Akanksha Yadav

26/09/2025

ठोर सौदेबाजी की आंच में पक रही भारत-अमेरिका ट्रेड डील, रूस से तेल की खरीद बनी सबसे बड़ी रुकावट।

नई दिल्ली, 26 सितंबर: एक तरफ अमेरिका का दबाव है कि भारत रूस से तेल की खरीद बंद करे, दूसरी तरफ भारत अपने ऊर्जा हितों पर समझौता करने को तैयार नहीं है। यह टकराव दोनों देशों के बीच होने वाली एक बड़ी व्यापार डील की राह का सबसे बड़ा अवरोध बना हुआ है। सितंबर में हुई उच्च-स्तरीय वार्ताओं के बाद भी यह गतिरोध कायम है, हालांकि दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने को आतुर हैं ।

अमेरिकी दबाव का आधार और भारत का कड़ा रुख

अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि भारत द्वारा रूस से तेल की खरीद जारी रखना एक बड़ी चिंता का विषय है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मार्गरेट मैकलियोड के अनुसार, रूस को मिलने वाला यह तेल राजस्व उसकी “युद्ध मशीन” को चलाने में मदद करता है, जो अमेरिकी सुरक्षा हितों के खिलाफ है। इसी कारण से, अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% का बेस टैरिफ लगाने के अलावा, रूस से तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25% का जुर्माना भी लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया है।

भारत ने अमेरिका के इस कदम को ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अतार्किक’ बताते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने ऊर्जा हितों को ध्यान में रखते हुए रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। भारत का तर्क है कि वह अपनी जरूरतों का लगभग 90% तेल आयात करता है और रूस से मिलने वाला सस्ता तेल उसके आयात बिल को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वार्ता की मेज पर भारत की चालें

इस गतिरोध को तोड़ने के लिए, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने कुछ रियायतें रखी हैं :

  • जीएम मक्के के आयात में ढील: भारत ने जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) मक्के के आयात पर लगे प्रतिबंधों को आसान बनाने की पेशकश की है, हालांकि यह मक्का मानव उपभोग के लिए नहीं होगा।
  • रक्षा और ऊर्जा उत्पादों की बढ़ी खरीद: भारत अमेरिका से लगभग 40 अरब डॉलर मूल्य के रक्षा उपकरण और ऊर्जा उत्पाद खरीदने पर विचार कर रहा है। इसका मकसद अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष को कम करना है।

भारत की शर्त: ईरान और वेनेजुएला के दरवाजे खोलें

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने अमेरिका के सामने एक बड़ी शर्त रखी है। भारतीय अधिकारियों ने सुझाव दिया है कि यदि अमेरिका भारतीय रिफाइनरियों को ईरान और वेनेजुएला से तेल आयात की अनुमति दे देता है, तो भारत रूस से तेल की खरीद में कटौती करने पर विचार कर सकता है . यह शर्त अमेरिका के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है, क्योंकि इन दोनों देशों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हुए हैं।

जीएम मक्का विवाद: किसानों की चिंता बनाम व्यापार का दबाव

अमेरिका के लिए जीएम मक्का एक अहम मुद्दा है, लेकिन भारत की अपनी मजबूरी है। अमेरिका में उत्पादित 94% मक्का जेनेटिकली मॉडिफाइड है , जबकि भारत में GM खाद्य फसलों के व्यावसायिक उपयोग पर प्रतिबंध है। भारत के पास इसके पीछे कई कारण हैं:

  • स्वास्थ्य और पर्यावरणीय चिंताएं: GM फसलों को लेकर संभावित स्वास्थ्य जोखिम और देशी मक्का प्रजातियों के दूषित होने का खतरा मौजूद है।
  • किसानों के हितों की सुरक्षा: अमेरिकी मक्का अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य से काफी सस्ता है। यदि उसका अनियंत्रित आयात होता है, तो इससे घरेलू बाजार में उथल-पुथल मच सकती है और लाखों छोटे किसानों की आजीविका प्रभावित हो सकती है।

टैरिफ का असर और आगे की राह

अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ का सीधा असर भारत के करीब 85 हजार करोड़ रुपए के निर्यात पर पड़ रहा है, जिसमें कपड़े, आभूषण, फर्नीचर और समुद्री भोजन जैसे उत्पाद शामिल हैं . इससे दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आई थी, हालांकि हालिया फोन वार्ता के बाद माहौल में कुछ सुधार देखने को मिला है।

वार्ता की कठिनाइयों के बावजूद, दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बातचीत जारी है। सितंबर में नई दिल्ली में हुई लगभग सात घंटे की लंबी बैठक में व्यापार समझौते के कई पहलुओं पर सकारात्मक चर्चा हुई और दोनों पक्षों ने एक ऐसा समझौता करने का लक्ष्य रखा, जो दोनों के लिए फायदेमंद हो।

भारत और अमेरिका के बीच यह व्यापारिक महाभारत अभी जारी है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता किए बिना ही कोई डील चाहता है। अब नजर अमेरिका की अगली चाल पर है – क्या वह भारत की शर्तों पर सहमत होगा या टैरिफ का दबाव और बढ़ाएगा? यह टकराव न सिर्फ दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों, बल्कि उनकी रणनीतिक साझेदारी की दिशा भी तय करेगा।

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति आज डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाई पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ये टैरिफ 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। पूरी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करे….

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