यूपी STF का बड़ा ऐक्शन: D.El.Ed पेपर लीक करने वाले सगे भाइयों को अलीगढ़ से किया गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर बेचते थे प्रश्न पत्र

अलीगढ़ के इगलास इलाके में छिपे दो भाइयों ने सोचा था कि सोशल मीडिया की आड़ में परीक्षा पत्र बेचने का धंधा चलेगा, लेकिन मंगलवार को यूपी STF ने उनकी सारी चालाकी का पर्दाफाश कर दिया। यह गिरफ्तारी न सिर्फ एक नई साजिश को तोड़ती है, बल्कि यूपी की परीक्षा व्यवस्था पर बढ़ते खतरे की याद दिलाती है।

यूपी STF ने मंगलवार को D.El.Ed पेपर लीक के दो मुख्य आरोपी भाइयों को अलीगढ़ के इगलास थाना क्षेत्र से हिरासत में ले लिया। दोनों की पहचान धर्मेंद्र कुमार और पुष्पेंद्र कुमार के रूप में हुई है, जो सगे भाई हैं। 2 नवंबर को पुलिस को एक स्क्रीनशॉट मिला था, जिसमें परीक्षा पत्र लीक होने का दावा किया गया था। इसके बाद शुरू हुई जांच ने इन्हें फर्जी नामों से चलाए जा रहे टेलीग्राम अकाउंट्स तक पहुंचा दिया।

गिरफ्तार भाइयों का नेटवर्क: सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्रों का बाजार

पूछताछ के दौरान STF की टीम ने आरोपियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप की छानबीन की, जिसमें कई सोशल मीडिया ग्रुप्स का खुलासा हुआ। इन ग्रुप्स में सैकड़ों सदस्य जुड़े थे, जो परीक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करते थे। भाईयों ने नकली आईडी बनाकर D.El.Ed जैसे कोर्सेज के पेपर लीक किए और इन्हें बेचा। फोन से एक लाख रुपये के लेन-देन के रिकॉर्ड भी बरामद हुए, जो बताते हैं कि वे उम्मीदवारों को पास कराने का लालच देकर अतिरिक्त पैसे ऐंठते थे।

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धर्मेंद्र एक निजी स्कूल में शिक्षक है, जबकि पुष्पेंद्र उसके साथ मिलकर यह कारोबार चला रहा था। साइबर सेल अब डिलीट की गई फाइलों को रिकवर करने में जुटी है, ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके। यह मामला परीक्षा लीक की बढ़ती प्रवृत्ति को दिखाता है, जहां डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग हो रहा है।

यूपी में D.El.Ed पेपर लीक: लगातार बढ़ती घटनाओं का इतिहास

उत्तर प्रदेश में परीक्षा पत्रों का लीक होना कोई नई बात नहीं। पिछले कुछ सालों में कई बड़े मामलों ने सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। STF और स्थानीय पुलिस ने इन साजिशों को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही।

2021: UPTET का कैंसिलेशन और 26 गिरफ्तारियां

नवंबर 2021 में उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) के पेपर लीक की खबरों ने हड़कंप मचा दिया। परीक्षा शुरू होने से पहले ही दोनों शिफ्टें रद्द कर दी गईं। शिक्षा मंत्री ने एक महीने में दोबारा परीक्षा कराने का ऐलान किया, बिना अतिरिक्त फीस के। STF ने इस सिलसिले में 26 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 16 प्रयागराज से थे। यह घटना राज्य में भर्ती प्रक्रियाओं की कमजोरियों को उजागर करने वाली पहली बड़ी कार्रवाई थी।

2022: UP बोर्ड 12वीं अंग्रेजी पेपर का लीक

30 मार्च 2022 को UP बोर्ड की 12वीं कक्षा के अंग्रेजी पेपर का इंतजार कर रहे छात्रों को झटका लगा। परीक्षा से ठीक पहले पेपर लीक हो गया, जिसके बाद 24 जिलों में परीक्षा स्थगित करनी पड़ी। जांच में स्थानीय स्तर पर सक्रिय गिरोहों का हाथ सामने आया, जो स्कूलों के आसपास सक्रिय थे।

2024: पुलिस भर्ती और RO/ARO परीक्षाओं पर संकट

दिसंबर 2023 में निकली 67 हजार कांस्टेबल भर्ती के फरवरी 2024 परीक्षा पेपर भी लीक हो गया। पांच साल बाद निकली इस भर्ती के लिए 48 लाख आवेदन आए थे, और आयु में छूट दी गई थी। अप्रैल में मास्टरमाइंड को पकड़ा गया। उसी साल फरवरी में UPPSC की RO/ARO भर्ती परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। STF की जांच में प्रयागराज के बिशप जॉन्सन गर्ल्स स्कूल से लीक का सुराग मिला, और भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस का नाम भी सामने आया। परीक्षा रद्द कर दी गई।

2025: UP बोर्ड मैथ्स पेपर और फर्जी उम्मीदवार

1 मार्च 2025 को UP बोर्ड की मैथ्स परीक्षा के दौरान एटा के चौधरी BL इंटर कॉलेज की केंद्र व्यवस्थापक अंजु यादव ने प्रश्न पत्र व्हाट्सऐप ग्रुप में डाल दिया। परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद यह गलती पकड़ी गई, और FIR दर्ज हुई। बोर्ड परीक्षाओं में 7 फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए—एटा से तीन, मुरादाबाद से दो, और आजमगढ़ व कानपुर से एक-एक। नकल के आरोप में एक कक्ष निरीक्षक, तीन केंद्र प्रबंधक और 14 अन्य पर कार्रवाई हुई। कुल 25 FIR दर्ज हो चुकी हैं।

पेपर लीक की मार: एक उम्मीदवार की दर्दनाक कहानी

फरवरी 2024 की पुलिस भर्ती परीक्षा लीक ने 27 वर्षीय बृजेश पाल की जिंदगी बदल दी। कन्नौज के भूड़पूरवा गांव के निवासी बृजेश सात साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे, और यह उनका आखिरी प्रयास था। लीक की खबर सुनकर उन्होंने अपने पिता से कहा कि अब सब खत्म हो गया। रात करीब 10 बजे उन्होंने अपनी डिग्री जला दी और फांसी लगा ली। यह घटना परीक्षा लीक के मानवीय प्रभाव को रेखांकित करती है, जहां उम्मीदें टूटने से गहरे घाव पड़ते हैं।

यूपी STF की यह कार्रवाई D.El.Ed पेपर लीक के सिलसिले को एक कड़ी जोड़ती है, और जांच आगे बढ़ रही है। उम्मीदवारों और अभिभावकों के लिए यह खबर राहत की सांस है, लेकिन राज्य की परीक्षा मशीनरी पर नजरें टिकी हुई हैं। अधिक अपडेट्स के लिए बने रहें।

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