अनंत सिंह गिरफ्तार: बिहार चुनाव से ठीक पहले मोकामा हत्याकांड में बाहुबली विधायक समेत तीन पर शिकंजा

अनंत सिंह गिरफ्तार: बिहार की राजनीति में तनाव चरम पर है, जहां विधानसभा चुनाव की घड़ी करीब आते ही हिंसा की आग भड़क उठी है। मोकामा विधानसभा क्षेत्र में जनसुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है। शनिवार की देर रात पटना पुलिस ने बाहुबली विधायक और जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को उनके दो सहयोगियों समेत गिरफ्तार कर लिया। ये गिरफ्तारी चुनावी माहौल को और गरमा सकती है, क्योंकि अनंत सिंह गिरफ्तार होने से जदयू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आइए, इस घटना की परतें खोलते हैं और समझते हैं कि आखिर क्या हुआ था।

अनंत सिंह गिरफ्तार: बिहार चुनाव से ठीक पहले मोकामा हत्याकांड में बाहुबली विधायक समेत तीन पर शिकंजा

अनंत सिंह गिरफ्तार: पुलिस की तत्परता से खुला राज, वीडियो और गवाह बने आधार

पटना के एसएसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनंत सिंह गिरफ्तार होने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में घोसवरी थाने को तारतर गांव के पास दो राजनीतिक गुटों के बीच झड़प की खबर मिली थी। इस मारपीट में कई लोग घायल हुए, और दुलारचंद यादव की जान चली गई। पुलिस ने फौरन मौके पर पहुंचकर हालात संभाले और केस दर्ज कर जांच शुरू की।

जांच में गवाहों के बयान, घटनास्थल के वीडियो फुटेज और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने अहम भूमिका निभाई। इन साक्ष्यों से साफ हुआ कि अनंत सिंह और उनके साथी मणिकांत ठाकुर व रंजीत राम इस हिंसा के मुख्य आरोपी हैं। एसएसपी ने कहा, “दुलारचंद यादव का आपराधिक बैकग्राउंड था, लेकिन कानून सबके लिए बराबर है। आगे की कार्रवाई विधि के अनुसार होगी।” गिरफ्तारी बाढ़ अनुमंडल से हुई, जो मोकामा के नजदीक है।

दुलारचंद यादव हत्या: चुनाव प्रचार के दौरान भड़की झड़प, जनसुराज vs जदयू का टकराव

ये घटना 30 अक्टूबर को तब घटी, जब जनसुराज के मोकामा प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी का चुनाव प्रचार चल रहा था। बताया जा रहा है कि अनंत सिंह के समर्थकों और जनसुराज कार्यकर्ताओं के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई हो गई। इसी दौरान दुलारचंद यादव को चोटें आईं, जो जानलेवा साबित हुईं। जनसुराज समर्थकों ने इसे सुनियोजित हमला करार दिया है, जबकि जदयू ने इसे राजनीतिक साजिश बताया।

इसके बाद अनंत सिंह समेत कई नामों पर एफआईआर दर्ज हुई। दुलारचंद यादव जनसुराज के सक्रिय सदस्य थे, और उनकी मौत ने पार्टी कार्यकर्ताओं में गुस्सा भरा दिया है। क्या ये घटना बिहार की सियासत को नई दिशा देगी? विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी हिंसा से वोटरों का रुझान बदल सकता है।

बिहार चुनाव 2025: दो चरणों में वोटिंग, अनंत सिंह गिरफ्तार से क्या असर?

बिहार विधानसभा चुनाव इसी महीने होने वाले हैं – पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को। मतगणना 14 नवंबर को होगी। मोकामा जैसे हॉटसीट पर अनंत सिंह हमेशा से दबदबा रखते आए हैं, लेकिन अनंत सिंह गिरफ्तार होने से जदयू की उम्मीदें डगमगा सकती हैं। विपक्षी दल इसे एनडीए के खिलाफ मुद्दा बना रहे हैं, जबकि सत्ताधारी खेमे में चुप्पी साधी हुई है।

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि बिहार में चुनावी हिंसा पुरानी बीमारी है, लेकिन इस बार सख्ती दिखाने की कोशिश हो रही है। क्या पुलिस की ये कार्रवाई अन्य क्षेत्रों में नजीर बनेगी? या ये सिर्फ टिप ऑफ द आइसबर्ग है? बहरहाल, वोटरों से अपील है कि शांति बनाए रखें और लोकतंत्र की जीत सुनिश्चित करें।

आप क्या सोचते हैं – क्या अनंत सिंह की गिरफ्तारी चुनावी समीकरण बदल देगी? कमेंट्स में अपनी राय शेयर करें। इन्वेस्ट बडी डॉट इन पर बिहार चुनाव की लेटेस्ट अपडेट्स के लिए बने रहें।

(ये रिपोर्ट 2 नवंबर 2025 को प्रकाशित। फैक्ट्स आधिकारिक स्रोतों पर आधारित।)

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