धनतेरस 2025: 1 लाख करोड़ की रिकॉर्ड खरीदारी, सोना-चांदी ने बाजार को चमकाया

धनतेरस 2025: दिवाली की दहलीज पर धनतेरस ने बाजारों को ऐसा झोंका दिया कि रिकॉर्ड टूटते ही दिखे। एक लाख करोड़ रुपये की खरीदारी ने न सिर्फ व्यापारियों के चेहरे खिलाए, बल्कि समृद्धि के इस शुभ मुहूर्त को और मजबूत कर दिया।

धनतेरस 2025 खरीदारी: कुल खर्च पहुंचा 1 लाख करोड़ के पार

ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के आंकड़ों से साफ है कि इस बार धनतेरस पर उपभोक्ताओं ने जेब ढीली करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिसमें सोना-चांदी की खरीद ने सबसे ज्यादा योगदान दिया। CAIT ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि सिर्फ आभूषणों की बिक्री 60,000 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल के मुकाबले 25 फीसदी ज्यादा है। ये आंकड़े दिल्ली जैसे बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक के बाजारों की हलचल को दर्शाते हैं।

कार्तिक मास की तेरहवीं तिथि पर मनाए जाने वाले इस पर्व को हमेशा से समृद्धि का प्रतीक माना जाता रहा है। लोग सोना, चांदी, बर्तन और अन्य घरेलू सामान खरीदकर घर की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस बार भी यही परंपरा बरकरार रही, लेकिन ऊंची कीमतों के बावजूद ग्राहकों का उत्साह कम नहीं हुआ।

सोना-चांदी बाजार में चमक, लेकिन मात्रा में हल्की गिरावट

ज्वेलरी बाजारों में दो दिनों में ऐसी भीड़ उमड़ी कि दुकानदारों को रुक-रुक कर काम करना पड़ा। CAIT की ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के नेशनल प्रेसिडेंट पंकज अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली में अकेले 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री दर्ज की गई। हालांकि, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने एक अलग पहलू पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि रिकॉर्ड हाई दामों के चलते सोने की बिक्री की मात्रा में करीब 10 फीसदी की कमी आई है। पिछले साल धनतेरस पर 39 टन सोना बिका था, जबकि इस बार ये आंकड़ा 36 टन के आसपास रह सकता है।

फिर भी, कुल मूल्य में जबरदस्त उछाल आया क्योंकि कीमतें आसमान छू रही हैं। जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने भी यही पुष्टि की कि मात्रा में 10-15 फीसदी की कमी के बावजूद वैल्यू में तेजी आई। उन्होंने कहा कि स्मार्ट खरीदारी और जल्द होने वाली शादियों की तैयारी ने ग्राहकों को बाजार खींचा। सोने के सिक्कों की डिमांड सबसे ऊपर रही, जो इसकी लोकप्रियता को दिखाता है।

इस साल अब तक सोने के दामों में 70.14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपये का था, जो अब 1,29,584 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। चांदी के भाव भी 96.74 फीसदी चढ़े—पिछले साल के अंत में एक किलो चांदी 86,017 रुपये की थी, जबकि अब ये 1,69,230 रुपये हो गई। ये आंकड़े बताते हैं कि महंगाई के दौर में भी आभूषण खरीदारी ने बाजार को गति दी।

अन्य सामानों पर भी खरीदारी का दौर, बर्तनों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक

सोना-चांदी के अलावा धनतेरस ने घरेलू बाजार को भी जोरदार धक्का दिया। बर्तनों और किचन अप्लायंस पर 15,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल सामान की बिक्री 10,000 करोड़ रुपये रही। डेकोरेशन आइटम्स और पूजा सामग्री पर भी 3,000 करोड़ रुपये खर्च हुए। ये आंकड़े छोटे-बड़े दुकानदारों की व्यस्तता को बयां करते हैं।

ट्रेडिशनल बाजारों के साथ-साथ मॉडर्न शॉपिंग मॉल्स में भी भीड़ देखी गई। CAIT के सेक्रेटरी जनरल और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि जीएसटी दरों में कमी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘लोकल फॉर वोकल’ मुहिम ने इस उछाल में बड़ा हाथ डाला। लोग अब भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे कारीगरों, छोटे व्यापारियों और मैन्युफैक्चरर्स को फायदा पहुंचा। जीएसटी कटौती से रिटेल कीमतें घटीं, जिसने खरीदारी को और आकर्षक बना दिया।

कार बाजार में डिलीवरी का रिकॉर्ड, ऑटोमोबाइल सेक्टर चमका

धनतेरस पर वाहन खरीद का शुभ मुहूर्त भी लोगों ने नहीं छोड़ा। मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स) पार्थो बनर्जी के मुताबिक, इस बार 51,000 यूनिट्स की डिलीवरी होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के 42,000 से कहीं ज्यादा है। ह्यूंडई को भी 14,000 यूनिट्स की बुकिंग मिली, यानी 20 फीसदी की बढ़ोतरी।

मर्सिडीज-बेंज जैसे लग्जरी ब्रांड्स ने भी मजबूत ऑर्डर बुकिंग देखी, जो दीवाली तक जारी रहेगी। ये आंकड़े ऑटो सेक्टर की रफ्तार को दर्शाते हैं, जहां उपभोक्ता विश्वास साफ झलक रहा है।

धनतेरस 2025 खरीदारी की ये हलचल बाजार की मजबूती का सबूत है। अगर आपने अभी तक शॉपिंग नहीं की, तो दीवाली के बाजारों में उतरें और अपडेट्स के लिए बने रहें—अगली रिपोर्ट में और डिटेल्स लाएंगे।

Leave a Comment