सीतापुर में मिली लखनऊ स्नैचिंग केस के मुख्य आरोपी संजय यादव की लाश, पैर के नाखून उखड़े और शरीर पर ज़ख्म

Akanksha Yadav

29/09/2025

सीतापुर के सुनसान इलाके में मिला स्नैचर का शव, पुलिस के ‘इनामी’ आरोपी का अंत

लखनऊ के गुडंबा इलाके में एक व्यवसायी की स्कूटी पर लात मारकर उसकी जान लेने वाले स्नैचर का अंत अब अपराध की दुनिया की एक हैवानियत भरी कहानी की तरह सामने आया है। जिस संजय यादव को पकड़ने के लिए लखनऊ पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित करने का प्रस्ताव तैयार किया था, उसी की लाश सोमवार सुबह सीतापुर के एक सुनसान इलाके में सड़क किनारे झाड़ियों में पड़ी मिली। शव की हालत इतनी भयावह थी कि वह यह इशारा कर रही थी कि मौत से पहले उसे भीषण यातनाएं दी गई होंगी।

शव मिलने के बाद क्या बोला मृतक व्यवसायी का परिवार?

सीतापुर के सिधौली कोतवाली इलाके के नीलगांव में सुबह एक राहगीर की नजर झाड़ियों में पड़े एक शव पर पड़ी। पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचने पर पता चला कि शव के मुंह और नाक से झाग निकल रहा था। सबसे डरावनी बात यह थी कि शव के पैर के नाखून उखड़े हुए थे और गर्दन व पूरे शरीर पर गहरी चोटों के निशान थे। शव के पास से एक बाइक बरामद हुई, जिससे पहचान हुई कि यह लखनऊ का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर संजय यादव की लाश है। इस घटना के बाद मृतक व्यवसायी अतुल जैन के परिजनों ने मीडिया से कहा, “हमारा भाई चला गया, अब कोई बात नहीं करनी।” यह बयान एक पीड़ित परिवार की उस निस्संगता को दिखाता है, जहां बदले की भावना से ज्यादा एक अनसुलझा दर्द है।

CCTV में कैद हुआ था स्नैचिंग का पूरा वाकया

इस पूरे मामले की शुरुआत 20 सितंबर को लखनऊ के गुडंबा इलाके में हुई थी। कारोबारी अतुल जैन स्कूटी पर सवार थे, तभी संजय यादव और उसके ममेरे भाई अरविंद यादव ने उनकी चेन खींचकर छीनने की कोशिश की। जब अतुल ने उनका पीछा किया, तो संजय ने गुस्से में उनकी स्कूटी में जोरदार लात मार दी। इस वारदात का पूरा वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। स्कूटी के संतुलन खोने से अतुल जैन का सिर सड़क पर खड़ी एक पिकअप वैन से जा टकराया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना ने पूरे शहर में रोष पैदा कर दिया था।

पुलिस ने बनाई थी चार टीमें, एक आरोपी हुआ था गिरफ्तार

घटना के बाद लखनऊ पुलिस सक्रिय हुई और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संजय और अरविंद की पहचान की गई। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए चार विशेष टीमें गठित कीं। 25 सितंबर को अरविंद यादव को एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन संजय यादव फरार बना रहा। संजय पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित करने का प्रस्ताव पुलिस आयुक्त को भेज दिया था, हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी होनी बाकी थी। इस बीच, लापरवाही के आरोप में छुइयापुरवा चौकी प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया।

संजय यादव का लंबा था आपराधिक सफर

लखनऊ के बख्शी का तालाब (बीकेटी) का रहने वाला संजय यादव पुलिस रिकॉर्ड में एक कुख्यात अपराधी था। उस पर लूट, चोरी और मारपीट सहित 18 से ज्यादा मामले दर्ज थे, जिनमें से ज्यादातर सीतापुर और बाराबंकी में थे। नवंबर 2017 में वह पहली बार जेल गया था और तब से लगातार अलग-अलग मामलों में सजा काटता रहा। करीब पांच महीने पहले वह जमानत पर रिहा हुआ था और छूटते ही उसने फिर से स्नैचिंग का धंधा शुरू कर दिया था। 27 अगस्त को बीकेटी में एक स्नैचिंग की और फिर 20 सितंबर को अतुल जैन का मामला सामने आया।

अब क्या है पुलिस की कार्रवाई और आगे की राह?

शव मिलने के बाद अब सीतापुर और लखनऊ पुलिस की संयुक्त टीमें इस मामले की जांच में जुट गई हैं। शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट से मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा। सवाल यह है कि क्या यह अंदरूनी गैंगवार का शिकार है या फिर किसी और वजह से उसकी हत्या की गई? पुलिस बरामद बाइक और मोबाइल फोन के डेटा से जुड़े सुरागों पर काम कर रही है। एक तरफ जहां एक आपराधिक इतिहास वाले शख्स का इस तरह अंत हुआ है, वहीं दूसरी तरफ यह मामला यूपी की अपराधिक दुनिया में चल रही आपसी टकराहट का एक और कड़वा सच लेकर आया है। पुलिस की अगली कार्रवाई ही तय करेगी कि इस पूरे प्रकरण का असली सच सामने आ पाता है या नहीं।

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