राजस्थान हाईकोर्ट ने टैक्स प्रोफेशनल्स की दुआ कबूल कर ली। अब 30 सितंबर की जगह 31 अक्टूबर तक ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने का समय मिलेगा, लेकिन क्या यह राहत पूरे देश को मिल पाएगी?
जोधपुर से आई इस खबर ने देशभर के टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स को राहत की सांस दी है। जोधपुर टैक्स बार एसोसिएशन की जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ाने का अंतरिम आदेश जारी किया। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी और जस्टिस बिपिन गुप्ता ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को 31 अक्टूबर तक अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए अधिसूचना जारी करने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को तय हुई है।
कोर्ट की सुनवाई: याचिका से मिली राहत
लाइव मिंट के अनुसार बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इनकम टैक्स पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को गंभीरता से लिया। एसोसिएशन अध्यक्ष सीए अजय सोनी की ओर से सीनियर एडवोकेट डॉ. विकास बालिया और एडवोकेट प्रतीक गट्टानी ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि बड़ी फर्मों, ट्रस्टों, कंपनियों और व्यापारियों को सालाना आयकर ऑडिट 30 सितंबर तक पूरा करना था, लेकिन पोर्टल की गड़बड़ियों ने सबको परेशान कर रखा है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश में CBDT को तुरंत नोटिफिकेशन जारी करने का निर्देश दिया, जो करदाताओं के लिए बड़ा सहारा साबित हो सकता है।
डेडलाइन का दबाव: 36 लाख रिपोर्ट्स का बोझ
याचिका में वकीलों ने कोर्ट को बताया कि हर साल देशभर में करीब 40 लाख ऑडिट रिपोर्ट्स फाइल होती हैं, लेकिन 23 सितंबर तक सिर्फ 4 लाख ही आईं। मतलब, एक हफ्ते से कम समय में 36 लाख रिपोर्ट्स पूरी करना नामुमकिन था। ऊपर से नवरात्र जैसे त्योहार शुरू हो रहे हैं, जो काम में और रुकावट डालते। टैक्स प्रोफेशनल्स और कारोबारियों की लगातार मांग थी कि ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि बढ़ाई जाए। अब इस फैसले से आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को अतिरिक्त समय मिलेगा, खासकर उन मामलों में जहां ऑडिट जरूरी है।
पोर्टल की खामियां: विभाग की गलती, प्रोफेशनल्स का नुकसान
आयकर विभाग की यूटिलिटी रिलीज में देरी ने समस्या को और बढ़ाया। फॉर्म 3CD के लिए यूटिलिटी 18 जुलाई को आई और 14 अगस्त को बड़े बदलाव हुए। कानूनन 183 दिन का समय मिलना चाहिए था, लेकिन करदाताओं को सिर्फ 47 दिन मिले। इसी तरह, ऑडिट रिपोर्ट के लिए 244 दिन की जगह 135 दिन, ITR के लिए 214 दिन की जगह 112 दिन और ट्रांसफर प्राइसिंग मामलों में 244 दिन की जगह 139 दिन का समय दिया गया। वकीलों ने कोर्ट में कहा कि विभाग की गड़बड़ियों का खामियाजा टैक्स प्रोफेशनल्स भुगत रहे हैं, जो दिन-रात काम करके भी डेडलाइन नहीं पकड़ पा रहे।
देशभर में हलचल: अन्य शहरों में भी याचिकाएं
यह फैसला सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं लगता, क्योंकि देश के कई शहरों में इसी मुद्दे पर जनहित याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। टैक्स ऑडिट और ITR दाखिल करने की प्रक्रिया में पोर्टल के ग्लिच ने सबको प्रभावित किया है। अब CBDT की ओर से अधिसूचना आने के बाद देखना होगा कि क्या यह एक्सटेंशन पूरे देश पर लागू होगा या सिर्फ राजस्थान में। प्रोफेशनल्स का कहना है कि यह फैसला एक मिसाल बनेगा, और अन्य हाईकोर्ट भी इसी राह पर चल सकते हैं।
इस फैसले ने टैक्स सीजन की भागदौड़ में थोड़ी राहत जरूर दी है। CBDT की अगली कदम पर सबकी नजर टिकी है, ताजा अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।






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