12 जून 2025 का दिन गुजरात के अहमदाबाद के इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज हो गया, जब एक भयावह विमान हादसे ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। दोपहर 1:38 बजे, सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन (गैटविक) के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, उड़ान AI171, मात्र दो मिनट बाद मेघानीनगर के घनी आबादी वाले इलाके में आग के गोले में तब्दील होकर धराशायी हो गया। इस विमान हादसे ने न केवल 240 जिंदगियों को छीन लिया, बल्कि जमीन पर मौजूद मासूमों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस त्रासदी ने सवालों का एक ऐसा तूफान खड़ा कर दिया है, जो हर किसी के मन में कौंध रहा है: आखिर वह क्या हुआ, जिसने एक सामान्य उड़ान को इतिहास के सबसे भयानक विमान हादसों में से एक में बदल दिया?
आसमान में मंडराई मौत की छाया
दोपहर का समय था। अहमदाबाद का हवाई अड्डा अपनी रोजमर्रा की हलचल में डूबा था। रनवे 23 से उड़ान भरने वाला यह विमान अपने गंतव्य की ओर बढ़ने ही वाला था कि अचानक कुछ गड़बड़ हुआ। पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल, जिनके पास 8,200 घंटे का उड़ान अनुभव था, ने टेकऑफ के तुरंत बाद एक मायडे कॉल जारी किया। यह कॉल, जो विमानन की दुनिया में सबसे गंभीर आपातकालीन संदेश माना जाता है, किसी बड़े संकट की ओर इशारा कर रहा था। लेकिन इससे पहले कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) कोई जवाब दे पाता, संपर्क टूट गया। अगले ही पल, यह विमान हादसा मेघानीनगर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और स्टाफ क्वार्टर्स से टकरा गया। आसमान से आग बरसने लगी, और काला धुआं पूरे इलाके को निगलने लगा। सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई। लोग चीख रहे थे, दौड़ रहे थे, और कुछ तो सदमे में जम गए।
हादसे का मंजर: आग और तबाही
यह विमान हादसा इतना भयावह था कि प्रत्यक्षदर्शियों के शब्द भी इसे बयां करने में कम पड़ जाते हैं। मेघानीनगर, जो कभी बच्चों के हंसी-खुशी और मेडिकल छात्रों की पढ़ाई का गढ़ था, अब मलबे और लाशों का कब्रिस्तान बन चुका था। विमान में सवार 242 लोग सवार थे —230 यात्री और 12 क्रू मेंबर—इस विमान हादसे में 2 लोगो को छोड़कर बाकी सभी अपनी जान गंवा बैठे। इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। लेकिन त्रासदी यहीं खत्म नहीं हुई। जमीन पर मौजूद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में पढ़ाई कर रहे 5 मेडिकल छात्र भी इस आग की चपेट में आ गए। 50 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। आसपास की सड़कों पर जमा भीड़ और धुएं के गुबार ने बचाव कार्य को और मुश्किल बना दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की दुखद विदाई
इस विमान हादसे ने गुजरात के लिए एक और गहरा घाव छोड़ा। विमान में सवार गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस त्रासदी का शिकार बने। रूपाणी अपनी पत्नी अंजलि को लंदन से वापस लाने जा रहे थे। उनकी मृत्यु की खबर ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “रूपाणी जी हमारे लिए सिर्फ नेता नहीं, बल्कि एक प्रेरणा थे। यह विश्वास करना मुश्किल है कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं।” इस विमान हादसे ने न केवल एक परिवार को तोड़ा, बल्कि पूरे गुजरात को शोक में डुबो दिया।
रहस्यमयी मायडे कॉल
क्या था वह कारण, जिसने इस विमान हादसे को जन्म दिया? प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विमान को टेकऑफ के बाद चढ़ने में विफलता (catastrophic failure to climb) का सामना करना पड़ा। मात्र 825 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद विमान नियंत्रण खो बैठा और तेजी से नीचे गिरने लगा। लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतना आधुनिक और सुरक्षित माना जाने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर इस तरह असफल कैसे हो गया? कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इंजन में खराबी या बर्ड स्ट्राइक जैसी घटना हो सकती है, लेकिन मायडे कॉल के तुरंत बाद संपर्क टूटने ने इस विमान हादसे को और रहस्यमय बना दिया है। कुछ X पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह एक सुनियोजित हमला हो सकता है, लेकिन DGCA और Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने ऐसी किसी संभावना को सिरे से खारिज नहीं किया है, न ही पुष्टि की है। जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, और ब्लैक बॉक्स की रिकवरी इस रहस्य को सुलझाने में अहम भूमिका निभा सकती है।
राहत और बचाव: समय के खिलाफ जंग
विमान हादसे के तुरंत बाद, अहमदाबाद की आपातकालीन सेवाएं हरकत में आ गईं। सात फायर इंजन, 24 से अधिक एम्बुलेंस, और 90 NDRF कर्मियों ने मलबे में फंसे लोगों को बचाने की कोशिश शुरू की। CRPF और BSF के 100 जवान भी राहत कार्य में जुट गए। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तत्काल प्रभाव से ग्रीन कॉरिडोर बनवाया, ताकि घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा सके। लेकिन विमान हादसे की तीव्रता इतनी थी कि अधिकांश शव जलकर पूरी तरह क्षत-विक्षत हो चुके थे। शवों की पहचान के लिए अब DNA टेस्टिंग की जरूरत पड़ रही है, जो इस त्रासदी को और दर्दनाक बना रहा है। एयर इंडिया ने पीड़ितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर (1800 5691 444 और विदेशी नागरिकों के लिए +91 8062779200) जारी किए हैं, ताकि उन्हें हरसंभव सहायता मिल सके।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोक
इस विमान हादसे ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा, “यह त्रासदी हमारे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। हम पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं।” गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू तुरंत अहमदाबाद पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा, “हमारी संवेदनाएं भारत के साथ हैं। यह विमान हादसा हम सभी के लिए एक दुखद क्षण है।” यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने भी शोक व्यक्त किया।
भविष्य पर सवाल
यह विमान हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि विमानन सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठाता है। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जिसे अपनी उन्नत तकनीक के लिए जाना जाता है, इस तरह के हादसे का शिकार कैसे हो सकता है? क्या यह तकनीकी खराबी थी, मानवीय भूल थी, या कुछ और? जांच के परिणाम आने में समय लगेगा, लेकिन तब तक अहमदाबाद के लोग उस काले धुएं और चीखों को भूल नहीं पाएंगे, जो इस विमान हादसे ने छोड़ा। हवाई अड्डे पर उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित हैं, और शहर में शोक की लहर है।
एक अनुत्तरित सवाल
जब तक ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण नहीं हो जाता, तब तक इस विमान हादसे का रहस्य अनसुलझा रहेगा। क्या यह महज एक तकनीकी गड़बड़ी थी, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है? मायडे कॉल के उन आखिरी सेकंड में क्या हुआ था? अहमदाबाद की धरती पर बिखरे मलबे और टूटी उम्मीदों के बीच, यह सवाल हर किसी के मन में गूंज रहा है। इस विमान हादसे ने न केवल जिंदगियां छीनीं, बल्कि एक ऐसी पहेली छोड़ दी, जिसका जवाब समय ही दे सकता है।
अहमदाबाद प्लेन हादसे में 2 लोग बचे।
इस हादसे में 2 लोग बचे, जिनका इलाज चल रहा है। जिनमे एक व्यक्ति की हालात गंभीर है जबकि एक व्यक्ति
नोट: पाठकों से अनुरोध है कि सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। यदि आपके पास इस विमान हादसे से संबंधित कोई जानकारी है, तो कृपया संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।