इंदौर, मध्य प्रदेश का एक खुशहाल परिवार, जहां 11 मई 2025 को राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी ने सात फेरे लेकर नई जिंदगी की शुरुआत की थी, आज मातम में डूबा है। शादी के महज 12 दिन बाद, 20 मई को यह नवविवाहित जोड़ा हनीमून के लिए मेघालय के शिलांग रवाना हुआ, सपनों और प्यार भरी उम्मीदों के साथ। लेकिन किसी को क्या पता था कि यह खूबसूरत यात्रा एक दर्दनाक और रहस्यमयी हत्याकांड में बदल जाएगी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
हनीमून से शुरू हुआ मेघालय हनीमून हत्याकांड का सफर
20 मई 2025 को राजा और सोनम रघुवंशी इंदौर से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए और फिर मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में पहुंचे। 22 मई को इस जोड़े ने किराए की स्कूटी से मावलखियात गांव का रुख किया और नोंग्रियाट गांव में प्रसिद्ध ‘लिविंग रूट ब्रिज’ देखने के लिए 3000 सीढ़ियां उतरकर एक होमस्टे में रात बिताई। 23 मई की सुबह, दोनों ने एक मंदिर में दर्शन किए और चेरापूंजी के पास ओसारा हिल्स की ओर बढ़े। दोपहर में सोनम रघुवंशी ने अपनी सास से फोन पर बात की, लेकिन इसके बाद दोनों का मोबाइल बंद हो गया। यह वह आखिरी पल था जब परिवार को इनकी कोई खबर मिली।
24 और 25 मई को परिजन लगातार कॉल करते रहे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। चिंता बढ़ी तो 26 मई को राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी के परिवार वाले शिलांग पहुंचे। वहां पता चला कि उनकी किराए की स्कूटी लावारिस हालत में सड़क किनारे एक कैफे के पास पड़ी थी। 28 मई को पुलिस ने होमस्टे की तलाशी ली, जहां उनके बैग मिले, लेकिन राजा और सोनम का कोई सुराग नहीं।
खाई में मिला राजा रघुवंशी का शव, हत्या की पुष्टि
परिवार की बेचैनी और उम्मीदों के बीच, मेघालय पुलिस, एनडीआरएफ, और स्थानीय स्वयंसेवकों ने खोजी कुत्तों और ड्रोनों के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया। भारी बारिश और दुर्गम इलाकों ने चुनौतियां बढ़ाईं, लेकिन 2 जून 2025 को एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया। वेईसावडॉन्ग झरने के पास 150 फीट गहरी खाई में राजा रघुवंशी का सड़ा-गला शव मिला।
उनके दाहिने हाथ पर ‘राजा’ नाम का टैटू उनकी पहचान का एकमात्र सहारा बना। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सबके होश उड़ा दिए—राजा की हत्या एक धारदार हथियार ‘दाओ’ से की गई थी, जो खासी समुदाय में पेड़ काटने के लिए इस्तेमाल होता है। शव के पास से खून से सना यह हथियार, एक महिला की सफेद शर्ट, स्मार्टवॉच, और मोबाइल का टूटा हिस्सा भी बरामद हुआ।
परिवार का दिल टूट गया। राजा रघुवंशी के शव से सोने की चेन, दो अंगूठियां, कंगन, पर्स, और मोबाइल गायब थे। भाई विपिन रघुवंशी ने आंसुओं के बीच कहा, “अगर यह आत्महत्या होती, तो ये चीजें गायब न होतीं। यह लूट और सुनियोजित हत्या का मामला है।” परिवार ने मेघालय पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की, यह कहते हुए कि शुरुआती ढिलाई ने सच को और उलझा दिया।
सोनम का लापता होना: रहस्य गहराया
राजा रघुवंशी की हत्या की खबर ने जहां परिवार को सदमे में डाला, वहीं सोनम रघुवंशी का लापता होना एक अनसुलझी पहेली बन गया। पुलिस, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ ने 150 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया। एक काला रेनकोट, जिस पर संदिग्ध दाग थे, और कुछ अन्य सामान मिले, लेकिन सोनम का कोई सुराग नहीं।
परिवार की उम्मीदें टूट रही थीं। सोनम रघुवंशी के पिता देवी सिंह रघुवंशी ने रोते हुए कहा, “सरकार और प्रशासन से हमारी यही अपील है कि सोनम को जल्द ढूंढा जाए। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठें।” भाई गोविंद रघुवंशी, जो शिलांग में तलाश में जुटे थे, ने कहा, “मुझे अब भी लगता है कि सोनम जिंदा है।”
सनसनीखेज मोड़: सोनम गाजीपुर में बरामद, हत्या की साजिश का खुलासा
16 दिनों की बेचैनी और अनिश्चितता के बाद, 9 जून 2025 को इस मामले में सनसनीखेज मोड़ आया। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के नंदगंज थाना क्षेत्र में अंकुशापुर के एक ढाबे पर रात 1 से 2 बजे के बीच एक महिला रोती और बदहवास हालत में मिली। ढाबा संचालक ने संवेदनशीलता दिखाते हुए 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने संदिग्ध महिला को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां उसने अपनी पहचान सोनम रघुवंशी के रूप में बताई।
इलाज के बाद उसे वन स्टॉप सेंटर लाया गया, लेकिन वह सदमे में थी और कुछ बोलने की हालत में नहीं। सीओ सिटी ने पूछताछ की, मगर सोनम बार-बार सिर्फ अपने भाई से बात करने की जिद करती रही। ढाबा संचालक ने बताया कि उसने रात में फोन मांगकर भाई से बात की थी और फिर चुपचाप बैठ गई।
मेघालय पुलिस ने इस बीच जांच को तेज किया और एक चौंकाने वाला खुलासा किया। डीजीपी आई. नोंगरांग ने दावा किया कि सोनम ने ही अपने पति राजा की हत्या की साजिश रची थी और भाड़े के हत्यारों को बुलाया था। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोनम समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया—सोनम को गाजीपुर से, दो आरोपियों को इंदौर से, और एक को उत्तर प्रदेश के ललितपुर से। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सोशल मीडिया पर पुलिस की पीठ थपथपाई, लिखा, “राजा हत्याकांड में सात दिनों के भीतर बड़ी सफलता मिली। तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया गया, सोनम ने आत्मसमर्पण किया, और एक अन्य की तलाश जारी है।”
सवालों का जाल, टूटा हुआ परिवार
सोनम रघुवंशी की बरामदगी और गिरफ्तारी ने मामले को नया मोड़ दिया, लेकिन सवालों का जाल अभी बाकी है। सोनम ने ऐसा क्यों किया? क्या वाकई उसने अपने पति की हत्या की साजिश रची? वह गाजीपुर कैसे पहुंची और बदहवास हालत में क्यों थी? परिवार हैरान और दुखी है। राजा के भाई अर्पित ने एनडीटीवी से कहा, “हमें न्याय मिलना चाहिए। मेरे छोटे भाई को किसने मारा, क्यों मारा, इसकी जांच होनी चाहिए। सोनम का जिंदा मिलना शक पैदा करता है।” दूसरी ओर, सोनम के पिता देवी सिंह ने मेघालय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए, कहा, “पुलिस शुरू से झूठ बोल रही है। मेरी बेटी खुद गाजीपुर पहुंची। हम सीबीआई जांच की मांग करेंगे।”
देश की नजरें, भावनाओं का तूफान
5 जून को राजा का शव इंदौर पहुंचा, जहां शोकाकुल परिवार ने अंतिम संस्कार किया। घर के बाहर बैनर लगे, जिन पर लिखा था, “राजा की आत्मा कह रही है—मैं मरा नहीं, मुझे मारा गया। सीबीआई जांच हो।” मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने शोक जताया और हरसंभव मदद का वादा किया। लेकिन यह हत्याकांड अब सिर्फ एक परिवार का दुख नहीं, बल्कि पूरे देश की चिंता बन गया है। पर्यटकों की सुरक्षा, पुलिस की जवाबदेही, और इस साजिश की परतें—सबके जवाब की उम्मीद में लोग ठगे से खड़े हैं।
सोनम रघुवंशी से पूछताछ जारी है, लेकिन उसकी चुप्पी और बदहवास हालत इस रहस्य को और गहरा रही है। क्या सच सामने आएगा? क्या राजा को न्याय मिलेगा? यह कहानी अभी अधूरी है, मगर एक परिवार की टूटी उम्मीदें और प्यार का दुखद अंत हर किसी के दिल को छू रहा है।
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